Tuesday, November 26

ट्रक से अनाज चोरी के आरोप में एसएफसी गोदाम के खम्भे से बांध कर ‘चावल चोर’की पिटाई,सिस्टम पर उठ रहे सवाल!

रक्सौल।( vor desk )।गरीबी और बेरोजगारी का आलम इस कदर है कि पेट की आग बुझाने के लिए विवशता में अनाज की चोरी भी नियति बनने लगी है।इसी प्रयास में एक व्यक्ति को एसएफसी गोदाम के आगे खड़े ट्रक से अनाज चोरी के आरोप में पकड़ा गया।और उसे गोदाम के खम्बे से बांध दिया गया।साथ ही पिटाई भी की गई।उस पर आरोप लगा कि वह पहले भी अनाज चोरी कर चुका है।उसे पुलिस को सौप कर मोतिहारी जेल भेजने तक की बात हुई।वह व्यक्ति गिड़गिड़ाता रहा।बाद में स्थानीय समाजिक कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों की पहल के बाद बंधन मुक्त कर छोड़ा गया।

क्या है मामला:रक्सौल प्रखण्ड कार्यालय परिसर से ही राज्य सरकार का यह एसएफसी गोदाम है।जहां राशन डीलरों को अनाज की आपूर्ति होती है।यहां ट्रकों से अनाज की लोडिंग -अनलोडिंग होती है।जिस क्रम में खड़े ट्रक से अनाज चोरी का मामला सामने आया है।

अंचल गार्ड के रहते चोरी:इसी परिसर में अनुमंडल व अंचल कार्यालय के साथ अनुमंडल, प्रखण्ड व अंचल कार्यालय के अधिकारी का क्वार्टर भी है।अनुमंडल व अंचल के गार्ड भी तैनात हैं।बावजूद चोरी की घटना हैरान करने वाली है।इससे पहले भी सरकारी क्वार्टर में चोरी की घटना सामने आ चुकी है।इधर,इस एसएफसी गोदाम के कारनामों की चर्चा भी सरेआम है।सूत्रों का दावा है कि राशन डीलर को आपूर्ति किये गए अनाज के बोरों की घटतौली का मामला मिलीभगत से लम्बे अर्से से जारी है।लेकिन,इसकी जांच व कार्रवाई नही होती।दबे जुबान से यह कहा गया कि शिकायत करने वालो की आपूर्ति रोक कर परेशान किया जाता है।जबकि, दुसरीं ओर पूरा सिस्टम भी सवालों के घेरे में है।क्योंकि,महीनों का अनाज घोटाला हो जाता है।आंदोलन करने व सवाल उठाने पर साजिश रची जाती है।झूठे मूकदमे में फंसा दिया जाता है।जो’आम बात’ सी हो गई है।कोई सुनने वाला नही है।

बांध कर पिटाई पर सवाल:इस पिटाई प्रकरण पर सवाल खड़े हो रहे हैं।क्योंकि,ट्रकों से अनाज उतारते व चढ़ाते समय अनाज का गिरना आम बात है।जिसे आस पास के गरीब लोग इकट्ठा भी करते हैं।लेकिन, पूर्वी चंपारण के बंजरिया थाना क्षेत्र के खैरी गावँ निवासी मुमताज( 55 )को कथित तौर पर ट्रक से करीब 1 हजार रुपये के बराबर का चावल चोरी के आरोप में पकड़ा गया।खम्बे में बाँधने के साथ ही उसकी पिटाई की गई।गाली गलौज किया गया। इस अमानवीय दुर्व्यवहार में एसएफसी प्रबन्धन ,कर्मी,मजदूर शामिल दिखे।जबकि, नियम से पकड़े गए व्यक्ति को पुलिस को सौंप देना चाहिए था।इस बाबत अधिवक्ता रविन्द्र कुमार सिंह ने घटना की आलोचना करते हुए कहा कि यह निंदनीय व दंडनीय भी है।इस मामले को पुलिस को सौपना चाहिए था।कानून हाथ मे नही लेना चाहिए।

गिड़गिड़ाता रहा मुमताज: मंगलवार की अहले सुबह घटित घटना में आरोपी मुमताज गिड़गिड़ाता रहा।उसका कहना था कि उसकी पत्नी और बच्चे उसके साथ नही है।केवल घर पर भाई है।उसका कहना था कि वह रक्सौल में ही मजदूरी करता है।वह भूखा था, इसीलिए अनाज की चोरी की।पहले चोरी नही की।बल्कि,पहली बार चोरी की।उसने कहा- हुजूर..पेट के लिए चोरी की,कहाँ जाएं…क्या करें?भूखा हूँ।पेट भरने के जुगाड़ के लिए ही ऐसा किया।घटना की सूचना पर पहुंचे अम्बेडकर ज्ञान मंच के संस्थापक मुनेश राम समेत अन्य समाजिक कार्यकर्ताओं की पहल पर माफी मांगने के बाद मुमताज को छोड़ा जा सका।

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