रक्सौल।( vor desk )।रक्सौल पीएचसी में मानवता कराहती रही और सभी तमाशबीन बने रहे।वाक्या सोमवार का है। पुलिस ने एक गम्भीर प्रकृति के मरीज को इलाज के लिए लाया।जिसे अस्पताल के अहाते में फर्श पर लावारिश छोड़ दिया गया।करीब तीन चार घण्टे तक उक्त मरीज यूं ही पड़ा रहा।पुलिसकर्मी बेचैन रहे।क्योंकि,वे उसकी जान की सलामती के साथ उसे स्वस्थ्य देखना चाहते थे।
बताते हैं कि वह अज्ञात मरीज था।वह क्या करता है,यह भी किसी को नही पता।उस असहाय व्यक्ति को तड़पते देख ग्रामीणों ने हरैया पुलिस को खबर की।उसके बाद एएसआई दिनेश कुमार सिंह पुलिस टीम के साथ प्रखण्ड के चिकनी स्कूल के पास पहुंचे और उक्त गम्भीर बीमार व्यक्ति को थाना के जीप पर करीब 12 बजे रक्सौल पीएचसी लाये ।इसके बाद ओपीडी में ड्यूटी पर रहे डॉ0 राजीव रंजन ने उसकी जांच की और गम्भीर लक्षण को देखते हुए उसे मोतिहारी रेफर कर दिया गया।
संयोग वश पीएचसी में एम्बुलेंस भी नही था जिसके लिए इंतजार करने को कहा गया।लेकिन, उक्त मरीज के प्रति जम कर लापरवाही हुई।उसे बेड पर रखने की बजाय,आयुष्मान भारत के लिए बने काउंटर के नीचे फर्श पर छोड़ दिया गया।उसके नाक से खून भी रिसता रहा,हालांकि कम्पाउंडर कामेश्वर सिंह ने उसकी बीपी जांच की।वहीं, एएसआई दिनेश कुमार सिंह ने बिस्किट ,आदि खरीद कर दिया।करीब तीन चार घण्टे बाद एम्बुलेंस अस्पताल आया और उसे मोतिहारी भेज दिए जाने के बाद पुलिस टीम वापस लौटी ।लेकिन,इस बदनसीब इंसान को अस्पताल प्रबंधन की उपेक्षा की चर्चा जोरों पर रही।
इस बाबत एसआई दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि हम घण्टों एम्बुलेंस का इंतजार करते रहे।इमरजेंसी में यह स्थिति देख कर काफी दुख हुआ।
वहीं,डॉ राजीव रंजन ने बताया कि गिरने की वजह से मरीज को चोट लगी थी।जिसे जांच में रक्ताल्पता पाई गई।उसे उचित इलाज के लिए ओपीडी से मोतिहारी रेफर कर दिया गया था।
बुढ़िया माई को मौत का इंतजार:
रक्सौल के मुख्यपथ स्थित पीएचसी परिसर के बगल में अवस्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर के बगल में एक असहाय वृद्धा को मौत का इंतजार है।वह पिछले महीने से एक ही स्थान पर चादर पर दिन गिन रही है।कोई दे देता है,तो,कुछ खा पी लेती है।इस बीमार वृद्ध महिला को इलाज की दरकार है।लेकिन,इसकी कोई सुधि लेने वाला नही मिल रहा।सूत्रों ने बताया कि यह वृद्धा के ठिकाने का अता पता नही है।सड़क पर बेहोशी की हालत में तड़पते देख पुलिस वालों ने एक ऑटो पर चंद महीने पहले पीएचसी और इलाज कराया।बाद में उसके हाल पर छोड़ दिया।तब से इसी स्थिति में उक्त वृद्धा जी रही है।उसका कहना है कि काश मुझे मौत आ जाती।मौत ढूंढ रही इस वृद्धा की जिंदगी लौट सकती थी।लेकिन,इस पर तरस खाने वाला कोई नही मिल रहा।