नप कार्यालय के सभागार में आयोजित किया गया था नप बोर्ड की बैठक,शोर – शराबे के बीच संपन्न हुई बैठक में नही हुई कोई प्रगति
* बैठक में चर्चा के पूर्व ही विपक्ष के 9 पार्षदों ने सदन से किया वाक आउट,सादे कागज पर हस्ताक्षर से कर दिया इनकार
* बैठक में 23 पार्षद रहे उपस्थित तो 2 पार्षद रहे अनुपस्थित
रक्सौल ( vor desk)।रक्सौल नगर परिषद का बूचड़ खाना के लिए भूमि खरीद में अनियमितता व कथित 14 करोड़ रुपये घोटाला का विबाद थमने का नाम नही ले रहा। सोमवार को नप कार्यालय के सभागार में नप बोर्ड की साधारण बैठक आहूत की गई थी,जो,इसी विबाद की भेंट चढ़ गई।यह संकेत मिला कि सत्ता पक्ष के लिए आगे की राह आसान नही है।काफी गहमा गहमी व रोष पूर्ण वातावरण में यह बैठक हुई,संयोग यह रहा कि कोई अप्रिय स्थिति नही बनी।यह बैठक ई ओ गौतम आनंद की उपस्थिति व मुख्य पार्षद उषा देवी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
इस बैठक की शुरुवात ही इस विवाद से ओत प्रोत रहा।कार्यवाही आरंभ होते ही सर्वप्रथम गत बैठक की संपुष्टि के दौरान नगर पार्षद काशी नाथ प्रसाद ने बूचड़खाना के लिए जमीन खरीदारी में नप प्रशासन द्वारा अनियमितता बरते जाने का मुद्दा जोरदार व तार्किक ढंग से उठाया ।
पार्षद श्री प्रसाद ने कहा कि शहर के पंकज चौक के समीप वार्ड नंबर 24 के मेन रोड स्थित बूचड़खाना / मार्केटिंग कम्प्लेक्स के लिए खाता संख्या 107, खेसरा 1622, रकबा सवा छह धुर जमीन जो मेन रोड़ में अवस्थित है ।उसका खरीदारी की गई है उसका एमवीआर दर 35 लाख रुपये निर्धारित है, वह सही है। लेकिन नीलम सिंह जौजे स्व नारायण सिंह खाता 24, 52 खेसरा 1627 एवं 1628, रकबा 11 धुर और 3 कठ्ठा डेढ़ धुर जमीन को एमवीआर के दर से अधिक पर खरीदगी की गई है। जो नियम के विरुद्ध है। यह जांच का विषय है।
बैठक में उन्होंने सवाल किया कि खेसरा नंबर 1622 नंबर की सवा छह धुर भूमि एक करोड़ 91लाख 36 हजार 154 रुपए में क्यों खरीदी गयी?जबकि उसका मूल्य 11 लाख 95 हजार से अधिक नही है। उसके पीछे की जमीन जिसका खाता खेसरा दुसरा है। उसका रास्ता भी नही है। उसके चौहदी मे पश्चिम मे नहर और हरदिया दिया गया है। जबकि हरदिया उसके आसपास कही है ही नही। जब चौहदी ही गलत है तो फिर मालिकान हक कैसे स्पष्ट होगा?उसका मुल्यांकन 9 लाख डीसमील से अधिक नही है। वावजूद इसके उस भूमि का मुल्यांकन 35 लाख डीसमिल निर्धारित कर करीब 6 करोड़ रुपया भुस्वामी को दिया भी जा चूका है। इस भूमि खरिददारी में 9 करोड़ 53 लाख का लगभग गबन किया गया है। वार्ड नंबर 17 के नगर पार्षद मो. अब्बास ने भी सदन में शोर मचाते हुए इसका समर्थन किया। उन्होने भी सदन को बताया कि खेसरा नंबर 1927 में 3 कठ़ा साढ़े ग्यारह धुर जमीन है।जिसका मुल्यांकन 9 लाख डीसमील की जगह 35 लाख डीसमील में खरीददारी किया गया। जबकि उसी खेसरा की भूमी सुरेश कुमार द्वारा विगत वर्ष 5 सितंबर 10 को 7 लाख 8 हजार डीसमील के दर से बिक्री की गयी। फिर उसी प्लाट का दुसरा जमीन का मुल्यांकन उससे पांच गुना अधिक कैसे हो गयी। 27 अक्टूबर 20 को सशक्त स्थायी समिति की बैठक हूई थी। जिसमें एक निविदा निकाली गयी थी। जिसमें शापिग कम्पलेक्स बनाने का उल्लेख था और उसमे दुकान एलाट कराने के लिए दुकानदारों को सूचित किया गया था कि 15 रोज में दुकान के लिए इच्छूक दुकानदार कार्यालय में सम्पर्क करे। अभी जमीन रजिस्ट्री भी नही हुआ,तो,दुकान एलाटमेन्ट की प्रक्रिया कैसे शुरु हो गई? नप द्वारा घोर अनियमितता हुआ है। हमलोगों का मांग है कि जबतक इस मामले की जांच पुरी नही हो जाती तबतक भुस्वामी को भुगतान नही किया जाए। एग्रीमेंट को रद्द किया जाए। हमलोग ग्यारह पार्षद इस बैठक का बहिष्कार करते है। वहीं,सभापति के पक्ष में प्रेमचंद कुशवाहा, राजकिशोर और सत्यम कुमार ने विपक्षियों के मांग पर आपत्ति जताई। जिस वजह से दोनो पक्षों में जम कर तीखी व गर्मा गरम नोक-झोंक हुई।
इस मामले में ई ओ श्री आनंद ने सदन को बताया कि बोर्ड के निर्देशानुसार जमीन की खरीदगी नियमानुसार की गई है। बावजूद इसके अगर कोई आपत्ति है तो बोर्ड की बैठक में इस समस्या का समाधान किया जाएगा। ऐसे इस मामले की अभी जांच चल रही है। जांच के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा। इसके बाद ई ओ और मुख्य पार्षद द्वारा पार्षदों से आज के अन्य एजेंडों पर चर्चा करने की बात कहीं। तब तक विपक्ष के 9 पार्षदों ने उनके द्वारा उठाये गए सवालों को प्रस्ताव पंजी पर अंकित न कर अलग से सादा कागज पर अंकित करने का आरोप लगाते हुए सदन से वाक आउट कर गए। जिसके कारण बैठक को स्थगित कर दी गई।उन्होंने जोर शोर से इसका प्रतिरोध भी किया कि सभापति व कार्यपालक पदाधिकारी आपस मे मिले हुए हैं।दोनो मिल कर सादे कागज पर हस्ताक्षर कराते हैं और फिर इसका दुरुपयोग करते है।यह घोटाला इसी का परिणाम है।
*9 पार्षदों ने सदन से किया वाक आउट
सदन से वाक आउट करने वाले विपक्ष के 9 पार्षदों ने बोर्ड की बैठक में गत बैठक की संपुष्टि में हिस्सा लिया। लेकिन अन्य मुद्दों पर चर्चा से कन्नी काटते हुए बिना हरस्ताक्षर किये सदन से वाक आउट कर गए। इनमें नगर पार्षद काशीनाथ प्रसाद, चीनी राम, घनश्याम प्रसाद, रवि कुमार गुप्ता, विश्वनाथ साह, सुगंती देवी, उषा देवी एवं जितेन्द्र दत्ता आदि मुख्य रूप से शामिल है।
*ज्ञापन सौंपा
मुख्य पार्षद उषा देवी और कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद को इस प्रकरण में काशीनाथ प्रसाद, सुभाषचंद्र सिंह, अर्चना देवी, सुगंती देवी ने कार्यपालक पदाधिकारी और अध्यक्ष को एक ज्ञापन भी सौंपा।और कहा कि एग्रीमेंट रद्द हो।भुगतान नही होना चाहिए।जांच के बाद ही कोई कदम उठाया जाए।उन्होंने आरोप किया कि नगर परिषद की निधि व जनता के टैक्स की राशि का दुरुपयोग हो रहा है।
*सत्ता पक्ष में 14 पार्षदों की रही उपस्थिति
बोर्ड की बैठक में सत्ता पक्ष के 14 पार्षदों की उपस्थिति रही।
इनमें मुख्य पार्षद उषा देवी, उपमुख्य पार्षद रोहिणी साह, सुभाष चंद्र सिंह, अर्चना देवी, हसीना खातुन, कुंदन कुमार सिंह, राजकिशोर प्रसाद, अमूल नशा, खुशबू देवी, सत्यम कुमार उर्फ नन्हे श्रीवास्तव, गायत्री देवी, प्रेमचंद्र कुशवाहा, जयमंती देवी एवं पन्ना देवी आदि मुख्य रूप से शामिल है।
*चार मुद्दों पर होनी थी चर्चा
नगर परिषद बोर्ड की आज की साधारण बैठक में मुख्य रूप से चार मुद्दों पर चर्चा होनी थी।
इनमें गत बैठक की संपुष्टि, विकास कार्य की समीक्षा, साफ – सफाई कार्य की समीक्षा सहित अन्यान्य आदि मुख्य रूप से शामिल थे।