रक्सौल।( vor desk )।रक्सौल पुलिस टीम ने सुनिल कुमार गुप्ता को रामगढ़वा से शनिवार को गिरफ्तार किया है। सुनिल पर रक्सौल में बीते 13 फरवरी को सड़क जाम कर प्रदर्शन करने व विधि व्यवस्था भंग करने,नाजायज मजमा लगाने,सरकारी कार्य मे बाधा उतपन्न करने के आरोप में रक्सौल थाना में भादवी 147/149/341/342/323/353/504/506 के तहत प्राथमिकी संख्या 43/21दर्ज है।यह प्राथमिकी पुलिस की ओर से अपर थानाध्यक्ष सुनील कुमार यादव ने दर्ज कराई है।जिसमे सुनील को भू-माफिया बताया गया है।
वहीं इस मामले में दूसरे पक्ष के तरफ से मौजे निवासी मुकेश कुमार गुप्ता की पत्नी सीमा देवी के आवेदन पर भी भादवी341/323/385/387/504/506/34 के तहत प्राथमिकी संख्या 42/21 दर्ज है।
जिसके आलोक में रक्सौल पुलिस टीम ने हरदिया पंचायत के मुखिया शम्भू प्रसाद के पुत्र सुनिल कुमार गुप्ता को रामगढ़वा थाना के पास से गिरफ्तार किया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार सुनील को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
बताते चले कि बीते 13 फरवरी को शहर के चावल बाजार में सुधा गुप्ता की बंका प्रसाद की जड़ी-बूटी दुकान पर समुहबन्द लोगों के द्वारा लूटपाट करके दुकान में ताला लगाने का मामला दर्ज किया गया था। इस क्रम में सुधा गुप्ता के समर्थन में उसी रोज सुनिल कुमार गुप्ता के द्वारा अपने समर्थकों के साथ शहर के मुख्य पथ स्थित थाने के सामने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुये सड़क को जाम कर प्रदर्शन व नारेबाजी की गई थी।चर्चा के मुताबिक,क्षेत्रीय विधायक व इंस्पेक्टर के खिलाफ भी नारेबाजी हुई थी।
मामला गर्म होने के बाद एसपी नवीन चन्द्र झा ने संज्ञान लिया और उनके निर्देश के तहत शांति व विधि व्यवस्था भंग करने को ले कर रक्सौल पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी।इस मामले में दोनो पक्ष के 6 -6 लोगों को नामजद बनाया गया था।सुधा देवी व पुलिस द्वारा दर्ज मामले के तहत दुकान में लूटपाट करने समेत अन्य आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था, जिनके द्वारा जमानत पर बाहर आने के बाद शुक्रवार को फिर से सुधा गुप्ता के दुकान में ताला लगाया गया था।जिसकी सूचना पर सक्रिय डीएसपी सागर कुमार झा के द्वारा दुकान को खुलवा कर संचालित कराया गया था। इस गिरफ्तारी की पुष्टि नगर इंस्पेक्टर अभय कुमार ने की है।
इस प्रकरण को लेकर पूरे शहर में चर्चा का बाजार गर्म है।घटना के एक सप्ताह बाद हुई इस गिरफ्तारी के बारे में पुलिस ने कहा है कि सुनील का मोबाइल सर्विलांस पर था।लगातार लोकेशन सर्च किया जा रहा था।जिस क्रम में रामगढ़वा में लोकेशन ट्रेस होने के बाद उसे दबोचा गया।दूसरी ओर इस बात की चर्चा है कि यह ‘सरेंडर’ का मामला है।खुद से सुनील ने अपने को पुलिस के हवाले कर दिया।शायद यही कारण था कि गिरफ्तारी के बाद उसे सीधे मोतिहारी ले जाया गया।गौरतलब है कि सुधा देवी के दुकान के भूमि के मालिकाना हक को ले कर विवाद चल रहा है।और इससे खूनी सँघर्ष की आशंका है।ऐसे में सभी पक्ष सेफ मोड़ की तलाश में हैं।सबसे मजे की बात है कि पुलिस के दर्ज धाराओं के तहत जेल से चंद दिनों में बेल के खेल से भी अटकलें कम नही है।इसीलिए सवाल दर सवाल कायम है।अन्य नामजद आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
इस बीच , सुनील के परिजनों ने कहा है कि सुनील को बेवजह फंसाया जा रहा है,क्योंकि,उसने अबला सुधा देवी के जायज पक्ष को ले न्याय के लिए आवाज उठाया था।