रक्सौल।(vor desk )।”कस्टमस बोलेस्ट्रिग रिकभरी रिनिवल एंड रिसिलेन्स फार सस्टेनेबल सप्लाई चेन!”के मूल मंत्र के साथ भारतीय कस्टम द्वारा बुधवार को रक्सौल आईसीपी में 69 वां कस्टम डे मनाया गया।
जिसकी अध्यक्षता रक्सौल के कस्टम उपायुक्त आशुतोष कुमार सिंह ने की।इस दौरान उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्व कस्टम समुदाय ने वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कस्टम पूरी तरह सेवा, सहयोग- सुविधा देने को प्रतिबद्ध है।आयात -निर्यात के तहत वस्तुओं की निर्बाध सप्लाई पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना काल मे भी भारतीय कस्टम के संक्रमण के खतरे से जूझते हुए निरन्तर सेवा देते रहे।प्रथम योद्धा की तरह कस्टम के अधिकारी -कर्मी व सहयोगियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। पुरे वर्ष में कोरोना की विभिषिका के वावजूद कस्टम विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रथम योद्धा की तरह इस महामारी का सामनख किया ताकि वैश्इ स्तर पर यात्रियों का आवागमन निर्धारित मानकों के अनुसार हो सके और समानों का प्रवाह निर्वाध रुप से जारी रहे।इस प्रयास में उपलब्ध तकनीक के आधार पर सामानों की सप्लाई चेन को वैश्विक स्तर पर सुनिश्चित किया गया।
कस्टम उपायुक्त ने यह भी बताया कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के निर्देश पर के रक्सौल के कस्टम अधिकारियोंं और कर्मचारियों ने 24 घण्टे सेवा प्रदान की। यह सुनिश्चित किया कि हमारे पड़ोसी व मित्र राष्ट्र नेपाल को खाद्दान्न,पेट्रोलियम और दवाईयों से संबंधित वस्तुओं को बिना रुकावट और विलंब के शीघ्राति शीघ्र सीमा पार पहूंचाया जाए।ट्रेड की सुविधा का ख्याल रखते हुए विभाग ने आधुनिक तकनीक को अपनाया और फेसलेस,पेपरलेस और मिनीमम टाइम में क्लियरेंस पर जोर दिया।जिसका प्रभाव ट्रेड पर काफी साकारात्मक रुप से पड़ा।
उन्होंने कहा कि रक्सौल कस्टम ने अपनी समाजिक दायित्वों के तहत कोरोना काल में यथासंभव मात्रा में चालको- खलासियों के बीच मास्क,सेनेटाईजर वितरण किया।साथ ही आईसीपी में उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी की।बन्दे भारत मिशन में भारत सरकार की योजना के अनुरूप नेपाल से भारत वापस लौट रहे भारतीय नागरिकों के सकुशल वापसी में विभाग ने सक्रिय भुमिका भी निभाई। कस्टम उपायुक्त ने अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में रक्सौल सीमा शुल्क से संबंधित विभागों तथा एलपीएआई,बामन लॉरी,एसएसबी के अधिकारियों और कर्मचारियों, सीएचए और उनके प्रतिनिधियों,ट्रान्सपोर्टर तथा अन्य सभी लोगों की सराहना की जिन्होंने इस कठिन पल में विभाग को सहयोग किया।इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय प्रशासन को भी तस्करी रोकने में सीमा शुल्क विभाग को सहयोग देने पर धन्यवाद दिया।
उन्होंने विभगीय उपलब्धि का जिक्र करते हुए बताया कि वर्तमान में वित्तीय वर्ष लगभग 82 लाख की जप्ती की गई। जिसमें नारकोटिक्स के चार मामले शामिल है। इस क्रम में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है।
मौके पर एलपीएआई के विशाल मिश्रा, एसएसबी सहायक कमांडेंट श्री मति रीना, प्लांट क्वारंटाइन से डॉ0 मुकेश , कस्टम सुप्रिटेंडेट बीके मिश्रा समेत अधिकारी गण, सीएचए व अन्य उपस्थित रहे।