आदापुर।(vor desk )।प्रखण्ड के कचुरबारी गांव के मकसद मियां के घर से ईदगाह तक निर्मित सड़क पीसीसीकरण के मामले ने तूल पकड़ लिया है।इस मामले में जिला पार्षद फरीदा खातून के पति मो. सलाउद्दीन की भूमिका को लेकर स्थानीय ग्रामीण मकसूद आलम ने जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन देकर मामले की जांच करने की मांग की है।जानकारी के मुताबिक,प्रथम चरण में जिला पार्षद ने योजना सं.-25/20-21 के द्वारा मकबूल मियां के दरवाजे से ईदगाह तक सड़क पीसीसीकरण कराये जाने के लिए जिला परिषद के सभापति द्वारा शिलान्यास किया गया।
आधा-अधूरा सड़क पीसीसीकरण भी हुआ,किन्तु रेल परिसर होने के कारण शेष कार्य नही हो सका।इसी बीच गत सोमवार को बिना रेल विभाग से एनओसी लिए रेल ट्रैक से सटे करीब साढ़े तीन सौ फीट नवनिर्मित सड़क पर ईंट सोलिंग करा पार्षद पति मो.सलाउद्दीन ने ईदगाह तक पीसीसीकरण करा दिया गया।इस मामले की सूचना जैसे ही रेल विभाग के अधिकारियों को मिली।वे आनन-फानन में कार्य स्थल पर पहुंचे व इस सुरक्षा के लिहाज से रेल ट्रैक से सटे सड़क निर्माण को देख भौंचक रह गए।मौके पर पहुंचे आरपीएफ ई.राजकुमार गुप्ता,एसएसई(कार्य) तपस राय, एसएसई(रेलपथ) देवेन्द्र मोहन सदल-बल पहुंच नवनिर्मित सड़क व पीसीसीकरण को हटाने का निर्देश दिया।अन्यथा की स्थिति में संबद्ध एजेंसी के खिलाफ एफआईआर की चेतावनी दी।
इसके बाद पार्षद पति ने नवनिर्मित सड़क पर कराये गए पीसीसी को रेलवे के अधिकारियों के देख रेख में जेसीबी से तोड़वा दिया तथा उसके मलवे को बगल के ही ज्ञानी शाह बाबा मजार के समीप रखवा दिया है,जिससे मजार तथा आस पास के घरों तक आने-जाने का रास्ता जाम हो गया है।इधर,शिकायतकर्ता का भी आरोप है की उक्त सड़क उसके नीजी भूमि खाता-185,खेसरा-1100 में बनवाया गया है,जिसकी पैमाइश भी ग्रामीणों की उपस्थिति में नीजी व सरकारी अमीन से कराया जा चुका है।इसके बाद भी उसकी अतिक्रमित भूमि को मुक्त नही किया गया है।जो गंभीर जांच का विषय है,हालांकि इस बाबत पूछे जाने पर जिला पार्षद फरीदा खातून के पति मो.सलाउद्दीन ने बताया कि बगैर रेलवे से एनओसी लिए रेल परिसर में ग्रामीणों के सहयोग से सड़क व पीसीसीकरण कराया गया था,जिसे विभागीय निर्देश के आलोक में तोड़कर हटवा लिया गया है।फिलवक्त,बढ़ते विवाद को देखते हुए रविवार को हरपुर थानाध्यक्ष रामकिशोर शर्मा ने घटनास्थल का जायजा लिया और निर्माण सामग्री से अवरुद्ध किये गए अवरोध को हटाने का निर्देश दिया है।इधर, रेल सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर राज कुमार ने भी कहा है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी।जरूरत पड़ी तो पीडब्ल्यूआई के सौजन्य से रेल भूमि की पैमाईश भी कराई जाएगी।
इधर,शिकायत को जिला परिषद अध्यक्ष प्रियंका जायसवाल ने भी गम्भीरता से लिया है।जिसको ले कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।फिलवक्त स्थानीय लोग इस बाबत जांच की मांग कर रहे हैं कि आखिर जिला परिषद के योजना से रेलवे पर सड़क कैसे बनी?बनी तो रेलवे से एनओसी क्यों नही लिया गया?निजी जमीन के हिस्से पर किस परिस्थिति में निर्माण हुआ?कुल मिला कर मामला तूल पकड़ गया है।जिला पार्षद की भूमिका पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं।
( रिपोर्ट:राकेश कुमार )