रक्सौल।( vor desk )।जनता समाजवादी पार्टी के नेता व पर्सा जिला के क्षेत्र 1 के सांसद प्रदीप यादव ने कहा कि केपी ओली सरकार संसद का विघटन कर देश मे संकट काल( इमरजेंसी ) लगाने की कोशिश में है।जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा।इस समय नेपाल की जनता व लोकतंत्र खतरे में है।जिसे बचाने के लिए सभी लोकतांत्रिक शक्तियों को एकजुट होने की जरूरत है।उन्होंने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि पीएम केपी ओली के कदम से उनकी गणतंत्र व संघीयता विरोधी मानसिकता सामने आ चुकी है।देश की जनता ने पांच साल के लिए जनादेश दिया था।लेकिन, उन्होंने तीन साल में ही व्यवस्थापिका व सार्वभौम सत्ता- संसद को विघटित कर देश में चुनाव की घोषणा कर दी।उन्होंने कहा कि ओली कैबीनेट चुनाव के नाम पर नौटंकी कर रही है।इस झांसे में नही आना चहिये कि देश मे चुनाव होगा।बल्कि,सच यह है कि ओली देश पर तानाशाही व एक तंत्रीय शासन थोपने की साजिश में है।उन्होंने कहा कि पूरी दुनियां कोरोना काल मे देश के नागरिको को बचाने में जुटी हुई है।लेकिन,हमारे प्रधानमंत्री केपी ओली को देश की जनता की बजाय कुर्सी बचाने की चिंता है।राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री दोनो का कदम लोकतंत्र विरोधी है।वे देश को बंधक बनाने व कब्जा करने की साजिश में हैं।इसके खिलाफ हमारी पार्टी जसपा सड़क पर उतर चुकी है।हम पीछे नही हटेंगे।हम किसी भी दल से सहकार्य को तैयार हैं।जो भी बलिदान देना होगा देंगे।लेकिन,लोकतंत्र पर कुठाराघात बर्दास्त नही करेंगे।जब तक संसद की पुनर्बहाली नही हो जाती,देश व्यापी आंदोलन जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि संसद विघटन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है।देश दुनियां की नजर न्यायालय पर है।हमे उम्मीद है कि संविधानसम्मत न्याय मिलेगा।संसद पुर्नस्थापित होगा।