रक्सौल।( vor desk )।मार्गशीष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान श्रीराम और माता सीता का धूमधाम से विवाह हुआ था। इस वजह से हर साल मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को राम विवाह महोत्सव मनाया जाता है। इस दिन को विवाह पंचमी के नाम से भी जानते हैं। इस साल विवाह पंचमी या राम विवाह उत्सव 19 दिसंबर (शनिवार) को रक्सौल में धूम धाम से मनाया गया।
शहर के एम्बेसी यानी राज डंडी स्थित हनुमान मंदिर में सोल्लास राम विवाह समारोह का आयोजन किया गया।इस दौरान सादे समारोह के बीच भगवान राम की बारात की रस्म के साथ माता सीता के साथ श्री राम का विवाह कराया गया ।मन्दिर के पुजारी पंडित अजय उपाध्याय ने बताया कि सादे समारोह में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ।इस अवसर पर पूजा अर्चना के साथ भव्य आरती का आयोजन भी हुआ।
विवाह पंचमी का महत्व-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मिथिला के राजा जनक अपनी बेटी सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन करते हैं। स्वयंवर की सूचना मिलने पर भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ भी शामिल हो जाते हैं। सभा में मौजूद एक-एक करके कई योद्धा शिव धनुष को तोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन असफल रहते हैं। तब भगवान राम शिव धनुष को तोड़ते हैं और माता सीता उन्हें वरमाला पहनाकर अपना वर चुनती हैं। इसके बाद यह शुभ समाचार मिथिला से अयोध्या जाता है। जिसके बाद राजा दशरथ, भरत और शत्रुघ्न के साथ बारात लेकर आते हैं। मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को भगवान राम और माता सीता का विवाह होता है।