रक्सौल।( vor desk )।नेपाल की केपी ओली सरकार द्वारा पिछले 9 माह से लगातार बॉर्डर बन्द रखने के खिलाफ आंदोलन शुरू हो चला है।इसी कड़ी में बीरगंज बॉर्डर खोलने की मांग को ले कर नेपाल -भारत खुला सीमा सम्वाद समूह के बैनर तले ‘खुली सीमा को खुला करो’ के नारे के साथ अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा ।
बीरगंज कस्टम एरिया के पास धरना प्रदर्शन में जुटे आंदोलनकारी ओम प्रकाश सर्राफ का आरोप है कि ओली सरकार कोरोना के बहाने सीमा को बन्द कर राजनीतिक रोटी सेंक रही है। दोनो देशों के बीच जनस्तर सम्बन्ध को तोड़ने व कटुता फैलाने की साजिश की जा रही है।मधेश को बर्बाद करने की तिकड़म की जा रही है।इस साजिश को सफल नही होने दिया जाएगा।आंदोलन की अगुवाई कर रही पूर्व मंत्री करीमा बेगम व रम्भा मिश्रा का कहना है कि नेपाल सरकार मधेशी जनता के विरुद्ध शोषण व उपनिवेशवाद थोपने की नीति अख्तियार कर रखी है।जिसके विरुद्ध हमने धरना प्रदर्शन शुरु किया है।जब तक बॉर्डर को खोल नही दिया जाता,तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं,समूह के संयोजक कृष्णा पटेल ने कहा कि बीरगंज नेपाल भारत का प्रमुख प्रवेश द्वार है।जहां से दोनो देशों के बीच व्यापार के लिए मालवाहक वाहनों का आवागमन जारी है।राजनीतिक पार्टियों द्वारा बैठक व रैली की जा रही है।लेकिन, नागरिको का आवागमन बन्द कर कोरोना के नाम पर पीएम केपी ओली नकली राष्ट्रवाद थोप रहे हैं।उनका कहना था कि बॉर्डर बन्द कर सीमाई जनता को दु:ख दिया जा रहा है।उन्होंने सवाल किया कि तस्करी का समान लाने ले जाने व चोरी छिपे लोगों के आने से कोरोना नही फैल रहा,बॉर्डर खोलने से कोरोना फैल जाएगा ?उन्होंने कहा कि यदि तुरन्त बॉर्डर नही खोला गया,तो,व्यापक आंदोलन होगा।
धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता समूह के अध्यक्ष राम नरेश यादव ने किया।मौके पर समूह के सचिव तबरेज आलम ,राजपा नेता शिव पटेल,मुन्नी श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्ध नागरिक व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।