रक्सौल।(vor desk )।एक ओर भारत के विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला द्विपक्षीय वार्ता के लिए नेपाल पहुंचे।वहीं,दूसरी ओर नेपाल सरकार ने अपनी चाल दिखाने की कोशिश करते हुए बीरगंज बॉर्डर पर भारतीय नागरिकों को नेपाल प्रवेश से रोका और मारपीट कर विवाद को तूल देने की कोशिश की।आर्म्ड पुलिस फोर्स व पुलिस ने अचानक लाठी चार्ज किया और आवागमन पर रोक लगा दी।कई ई रिक्शे को भी तोड़ फोड़ का शिकार बनाया।इस घटना से सीमा क्षेत्र में आक्रोश भड़क गया ।आक्रोशित भारतीय नागरिकों ने भारत-नेपाल सीमा को जोड़ने वाली मैत्री पुल को अवरूध्द कर विरोध प्रदर्शन किया।इस दौरान नेपाल की केपी ओली सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी हुई।हालाकि, बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए नेपाली सुरक्षाकर्मियो के तेवर ढीले पड़ गए और दो तीन घण्टों बाद आवाजाही सामान्य सी हो गई।
यह घटना सुबह करीब 8 बजे शंकराचार्य गेट एरिया में घटी। नेपाल आर्म्ड पुलिस के द्वारा महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।साथ ही भारतीय नागरिकों व साइकल -ई रिक्शा चालकों को रोकते हुए धुनाई कर दी।आवाजाही पर रोक लगाने व भारतीय नागरिकों के साथ की गई मारपीट के बाद यह विरोध प्रदर्शन हुआ।
बताया गया कि पहले से नेपाल की ओर से बॉर्डर बन्द है।बावजुद थोड़ी बहुत ढील थी।जिससे लोग पैदल आ जा रहे थे।लेकिन,गुरुवार की सुबह अचानक से नेपाल द्वारा भारतीय नागरिकों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध की कोशिश की गई।नेपाल पुलिस ने सख्ती शुरू कर दी।
लोगों का गुस्सा इसलिए भी भड़क गया कि नेपाली नम्बर के वाहनों को भारतीय सीमा में प्रवेश की खुली छूट मिल रही है।जबकि, भारतीय नागरिकों को परेशान किया जा रहा है।जबकि, पर्व त्योहार व शादी ब्याह के लग्न का समय चल रहा है।
हाल ही में 15 नवम्बर तक नेपाल ने बॉर्डर बन्द करने की अवधि को बढ़ा कर 15 दिसम्बर कर दिया था।जिससे लोग क्षुब्ध थे।इसमे ऐसे लोग भी हैं,जो,रोज बीरगंज आते जाते हैं।उसमें नेपाली कस्टम या अन्य दफ्तरों में काम करने व व्यापार के लिए आने जाने वाले लोग भी शामिल हैं।उम्मीद थी कि बॉर्डर खुल जायेगा।लेकिन,ऐसा नही हुआ।
इधर,भारत ने 23 अक्टूबर से बॉर्डर खोल रखा है।जिससे नेपाल पर दवाब बढ़ गया है।नेपाल से बड़ी संख्या में लोग
शादी ब्याह के लग्न के चलते ख़रीदगी को पहुंच रहे हैं।लेकिन, नेपाल बॉर्डर के बन्द रहने से दोनो ओर के लोग परेशान हैं।अघोषित ढंग से आवाजाही लगातार जारी है।लेकिन,भारतीय नागरिकों व बाइक सवारों को बेवजह तंग होना पड़ रहा है।वहां जानेे पर बाइक को जब्त कर लिया जा रहा है।अब तक दर्जनों बाइक पकड़े जा चुके हैं। भारतीय नागरिकों को
जरूरी कार्य या रिश्तेदारी के चलत नेपाल जाना ही होता है।आखिर करे भी तो क्या?क्योंकि दोनों ओर जो एक दूसरे की रिश्तेदारी जो ठहरी।
निश्चय ही कोरोना के नाम पर लम्बे अरसे से बॉर्डर बन्द रखने से दोनो ओर गुस्सा है।जो ,कभी भी भड़क सकती है।