रक्सौल।(vor desk )। पूर्वी चंपारण के रक्सौल विधान सभा क्षेत्र -10 से एनडीए प्रत्याशी प्रमोद कुमार सिन्हा ने शानदार जीत दर्ज कराई है।
जीत के बाद उन्होंने मतदाता ओं का आभार व्यक्त किया है और कहा कि रक्सौल की जनता ने प्यार और आशीर्वाद देने के साथ जो भरोसा जताया है,उसे टूटने नही दूंगा।मेरी कोशिश होगी कि रक्सौल के अंतराष्ट्रीय पहचान को आगे बढ़ाते हुए देश व राज्य में विकास में अव्वल स्थान दिलाऊं।
हाल ही में जनता दल यू से बीजेपी में शामिल हुए एनडीए नेता श्री सिन्हा रक्सौल के पनटोका पंचायत के हरैया गावँ के निवासी हैं।उनके पारिवार की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है ।उनके माता-पिता दोनों ही सरकारी शिक्षक रहे हैं।
शुरूआती दौर मे 80 के दशक में रक्सौल नगर पालिका में वार्ड आयुक्त का चुनाव जीतकर राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करने वाले श्री सिन्हा जनता दल के पूर्व विधायक स्वर्गीय राजनंदन राय के सानिध्य में रह कर अपने राजनीतिक क्रम को आगे बढ़ाया।
लेकिन नब्बे के दशक में जब जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर जनता दल के शीर्ष नेता लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के बीच जब विवाद उत्पन्न हुआ ,तो, जनता दल में एक तरफ माई सामिकरण तो दूसरी तरफ लव कुश समीकरण के साथ राजद और समता पार्टी का अलग-अलग गठन हुआ।
समता पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार के साथ कुशवाहा बिरादरी से आने वाले प्रमोद सिंहा समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे।तब से लेकर वह नीतीश कुमार के संग लगातार साथ रहे। इसके एवज में नितिश कुमार प्रमोद सिंहा को विधानसभा में पहुंचाने के लिए दो बार घोड़ासहन विधानसभा क्षेत्र से मौका दिया ।जहां काफी कम मतों के अंतर करीब 800 से हार गए।फिर भी उन्होंने नीतीश कुमार ने उनका साथ नहीं छोड़ा और जनता दल यूनाइटेड पूर्वी चंपारण के जिला अध्यक्ष पद से सुशोभित किया ।सत्ताधारी पार्टी के जिला अध्यक्ष होने के नाते जिला के 20 सूत्री कार्यक्रम के पदेन उपाध्यक्ष रह कर जनता के बीच अपनी राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराते रहे है।यही नही वे जनता दल यू के राष्ट्रीय कार्य कारिणी के सदस्य भी रहे।
पिछले दिनों रक्सौल विधानसभा से वे चुनाव के ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए।क्योंकि यह विधानसभा भाजपा का सीटींग सीट था। यह सीट जदयु के खाता में जा नहीं सकता था। इसलिए यहां भाजपा के निर्वतमान भाजपा विधायक डॉक्टर अजय सिंह का टिकट काटकर दो-चार दिनों के अंदर प्रमोद सिंहा को जदयू से त्यागपत्र दिलवाकर भाजपा का सदस्यता ग्रहण कराया गया और उन्हें यहां एनडीए का प्रत्याशी बनाया गया।ऐसे में यहां कमोबेश सभी वर्गों के लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार के काफी करीबी होने के कारण ही सीटिंग विधायक का टिकट काटकर इन्हें प्रत्याशी बनाया गया ।
अब जीत के बाद उनके पैतृक गावँ हरैया में काफी हर्ष है।वहीं,रक्सौल विधान सभा क्षेत्र में गावँ से शहर तक एनडीए कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर खुशियां मना रहे हैं।मिठाई बांट रहे हैं।
अबीर गुलाल लगा कर एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं।इसमे सबसे बड़ी बात यह रही कि भाजपा ने छठी बार इस सीट पर कब्जा कायम रखा है।चक्रव्यूह के बावजूद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 संजय जायसवाल की प्रतिष्ठा रक्सौल ने कायम रखी।