रक्सौल।( vor desk )जाने माने लेखक व समाजसेवी प्रो. (डॉ.) स्वयंभू शलभ एवं कांता देवी (जीविका दीदी) को चुनाव आयोग ने 10 रक्सौल विधान सभा चुनाव 2020 के लिए स्वीप आइकॉन का दायित्व सौंपा है। वे मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने एवं कोविड-19 के निर्देशों को पूरी तरह पालन करते हुए मतदान करने के लिए प्रेरित करेंगे। इसकी जानकारी अवर चुनाव पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने दी। यहां आगामी 7 नवंबर को मतदान होना है।
बता दे डॉ0 शलभ की शिक्षा, समाजसेवा और साहित्य के क्षेत्र में अलग पहचान है।
उन्होंने अनेक शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थाओं के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक के रूप में अनगिनत छात्र छात्राओं के भविष्य का निर्माण किया है।
डॉ. शलभ हिंदी साहित्य में पाँच किताबों के रचयिता हैं। उनकी किताबें न केवल भारत में बल्कि दूसरे देशों में भी चर्चित हैं। भारत की विविध कला संस्कृति, अप्रतिम प्राकृतिक सौंदर्य और यहां की भूमि में विद्यमान आध्यात्मिक भाव को अभिव्यक्त करती उनकी छठी किताब ‘संस्कृति के सोपान’ भी जल्द ही प्रकाशित होने जा रही है।
सामाजिक बदलाव की दिशा में डॉ. शलभ ने कई उल्लेखनीय कार्य किये। भोजपुरी फिल्मों एवं गीतों में बढ़ती अश्लीलता के खिलाफ भी डा. शलभ ने अपनी आवाज बुलंद की। स्थानीय मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय मसलों पर भी खुल कर अपनी बात रखी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मानित हुए।
पूर्व में दीर्घ सेवा पदक, पीठाधीश पुरस्कार व जगतगुरु वामाचार्य पुरस्कार से सम्मानित डॉ. शलभ को पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जयपुर में आयोजित ‘आइसटीज 2019’ के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मानित किया जा चुका है। स्किल माइंडस फाउंडेशन, पटना ने उन्हें ‘यंग इंडिया चेंज मेकर्स अवार्ड’ से भी नवाजा है। पटना में आयोजित डॉ. राजेंद्र प्रसाद शिक्षा शिरोमणि सम्मान समारोह में भी उन्हें सम्मानित किया गया है। दूरदर्शन बिहार के ‘बिहार बिहान’ कार्यक्रम में बतौर अतिथि वे दो बार आ चुके हैं।
डा. शलभ की कलम की ताकत सामाजिक समस्याओं को प्रभावशाली ढंग से उठाने में भी दिखाई दी। भारत नेपाल के सीमाई शहर रक्सौल के सर्वांगीण विकास के लिए उन्होंने कई मुद्दे सरकार के सामने रखे जिन पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कार्यालय सहित विभिन्न संबंधित मंत्रालयों ने संज्ञान लिया, संबंधित विभागों ने आवश्यक कदम उठाये। उनके निरंतर प्रयास से कई योजनाएं जमीन पर उतर सकीं। खास कर पर्यावरण के क्षेत्र में किये गए उनके प्रयासों की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है।