रक्सौल।( vor desk )
“चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है!”के नारे के साथ नेपाल के बीरगंज स्थित गहवा माई मन्दिर में पूजा अर्चना के लिए बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं ने महा अष्टमी पर बली भी चढ़ाई।
कोविड 19 के बीच नेपाल के सबसे बड़े पर्व विजया दशमी पर पर्सा जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा जारी कर रखी थी।मन्दिर के मूल गेट पर ही दर्शन पूजन की अनुमति थी।इस कारण श्रद्धालुओं ने गेट से ही मां के दर्शन किये।लेकिन,महा अष्टमी पर मेला का आयोजन तो नही हुआ,लेकिन, मन्नत पूरी होने पर पशु-पक्षियों की बलि चढ़ाने से श्रद्धालुओं को रोका नही जा सका।
एक ओर सप्तमी पर देर शाम से ही हजारो की संख्या में श्रद्धालु महिलाओं ने देर रात तक खोइन्छ भरने की परम्परा का निर्वहन किया।वहीं,शनिवार की अहले सुबह मन्दिर में बलि की रस्म अदायगी के बाद श्रद्धालुओ ने पशु पक्षियों की बलि चढ़ाई।जो देर शाम तक जारी रहा।बताया गया कि मन्दिर के पीछे वाली सड़क व टांगा स्टैंड एरिया में हजारों पशु पक्षियों की बलि चढ़ाई गई।
इस दौरान पुलिस- प्रशासन के लिए भीड़ नियत्रण बड़ी चुनौती रही। भक्त अपने आस्था के सामने सरकारी दिशा निर्देश एव स्थानीय पुलिस प्रशासन,मंदिर कमिटी की एक नही सुन रहे थे।
श्रद्धालुओ का कहना था कि माता ने मेरी मन्नत पूरी की है तो क्या मैं डर कर अपनी पूजा बन्द कर दूं। श्रद्धा भी नही दिखाऊ ।
बीरगंज के हिंदूवादी नेता श्याम बाबू पटेल ने मंदिरों में पूजन-अर्चन व बलि के रोक पर एतराज जताते हुए कहा कि किसी अन्य कार्य के लिए रोक नही है,तो,मन्दिर में पूजा पाठ क्यों बन्द किया गया।सरकार की यह नीति हिन्दू आस्था पर चोट करने वाली है।इसे बरदाश्त नही किया जा सकता।