Sunday, November 24

प्रभारी एमओ अरविंद कुमार की कार्यशैली विवादों में,उठ रही निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से जांच की मांग!

रक्सौल।(vor desk )। रक्सौल प्रखंड क्षेत्र में जन वितरण प्रणाली विवादों के घेरे में आ गई है। इस क्षेत्र के डीलरों में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी की कार्यशैली ने दहशत का माहौल कायम कर दिया है। बताते हैं कि रामगढ़वा के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अरविंद कुमार को रक्सौल प्रखंड का ग्रामीण क्षेत्र व शहरी क्षेत्र अतिरिक्त प्रभार में है, जिन्हें जन वितरण प्रणाली व्यवस्था को सुचारू और निष्पक्ष तरीके से संचालित कराने की जिम्मेवारी है। बावजूद,इनकी लालफीताशाही और कमाऊ नीति के कारण पीडीएस व्यवस्था चरमरा गई है।
जानकारी के मुताबिक एमओ श्री कुमार की उगाही की प्रक्रिया से त्रस्त डीलरों ने मीडिया रिपोर्टों में अपने आर्थिक शोषण का खुलासा किया और यह मामला सुर्खियों में तब आया जब एक डीलर ने रामगढ़वा प्रखंड के डीलर से वार्तालाप कर एम ओ को दिए जाने वाले नजराने का ऑडियो वायरल कर दिया। इस मामले को लेकर पूरे क्षेत्र में एम ओ की कार्यशैली को लेकर किरकिरी हुई।इससे बौखलाए एमओ श्री कुमार ने टारगेट करके ऑडियो वार्ता में शामिल रामगढ़वा प्रखण्ड के सिंहासिनी गांव के दिलीप बैठा और अहिरौलिया पंचायत की इन्दु देवी के पीडीएस दुकानों का भौतिक सत्यापन किया तथा पॉस मशीन से वितरण के बाद भी उनके खिलाफ अनियमितता पकड़ी और उनके खिलाफ स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करा दिया।अभी यह मामला चल ही रहा था कि कथित ऑडियो वार्ता में शामिल रक्सौल नगर क्षेत्र के अमित कुमार की पत्नी पीडीएस दुकानदार इन्दु देवी के दुकान का भौतिक सत्यापन एमओ ने पिछले रविवार को किया तथा पॉस मशीन से वितरण सही पाए जाने के बाद भी बिना किसी शोकॉज के उक्त महिला विक्रेता के खिलाफ भी स्थानीय थाने में आपदा एक्ट व आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा-7 के तहत प्राथमिकी दर्ज करा दिया।इससे पहले प्रखण्ड क्षेत्र में माह अगस्त के चना व प्रवासियों को अनाज तथा चना वितरण में गड़बड़ी की शिकायत का मामला जिला प्रशासन तक पहुंचा।इस मामले में एमओ की कार्यशैली व उगाही के आरोपों को डीएम शीर्षस्थ कपिल अशोक ने गंभीरता से लेते हुए रक्सौल एसडीओ सुश्री आरती,प्रभारी एमओ अरविंद कुमार सहित अन्य आपूर्ति पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दिया तथा एक टीम गठित कर बुधवार को रक्सौल प्रखंड के सभी पंचायतों का पंचायतवार दो-दो सदस्यीय टीम से जांच कराया गया। इधर,चर्चा है कि जांच के नाम पर कुछ दबंग डीलरों के माध्यम से डीलरों का भयादोहन कर प्रति डिलर 10-10 हजार रुपये की दर से करीब 12 लाख रुपये की वसूली कराई गई है।लिखित शिकायत देते हुए दबी जुबान से दर्जनों पीडीएस दुकानदार उच्चस्तरीय अधिकारियों के समक्ष अपनी व्यथा सुनाने को भी तैयार है।इधर,खुद को जिलाधिकारी के सामने क्लीन चिट प्रस्तुत करने के लिए एमओ ने गत सोमवार को नगर परिषद के डीलरों सहित अन्य प्रभुत्वशाली डीलरों की बैठक कराई तथा उनसे किसी प्रकार की शिकायत नही होने का एनओसी प्राप्त किया।इस मामले को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है कि आखिर विभागीय पदाधिकारियों के कार्यशैली की बजाय डीलरों को ही क्यों प्रताड़ित किया जा रहा है,जबकि राशन वितरण के लिए सरकार द्वारा पॉश मशीन से ही अनाज वितरण करने की बाध्यता है।

*गड़बड़ी की शिकायत करने कार्यालय पहुंचे उपभोक्ताओं के खिलाफ एमओ ने दर्ज कराया प्राथमिकी

बता दे कि नगर परिषद के एक डीलर शिवशंकर प्रसाद द्वारा अनाज नही वितरण करने को लेकर गत माह रक्सौल मौजे के अनुसूचित जनजातियों ने एमओ को आवेदन देकर उक्त डीलर के खिलाफ कार्रवाई की मांग किये।बावजूद,कोई कार्रवाई नही होने से वे सपरिवार सैकड़ों की संख्या में अनुमंडल कार्यालय पहुंच प्रदर्शन किया।बौखलाए एमओ ने उपभोक्ताओं का नेतृत्व कर रहे तीन युवकों रामबाबू शर्मा,संतोष शर्मा आदि के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने की प्राथमिकी दर्ज करा दी।उसके बाद से रक्सौल प्रखण्ड के डीलरों में भय का माहौल कायम हो गया है,जिसका भरपूर लाभ स्थानीय एमओ व बिचौलिए उठा रहे है।बहरहाल,इस मामले को लेकर बसपा के प्रदेश नेता चन्द्रकिशोर पाल व राजद नेता रमेश कुमार सिंह आदि ने स्थानीय एमओ अरबिंद कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली तथा उनके ऊपर लगाए गए पीडीएस विक्रेताओं के आरोपों तथा मामले का उद्भेदन करनेवाले डीलरों के खिलाफ लगातार हुई पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के निष्पक्ष जांच की मांग आर्थिक अपराध ईकाई या निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से कराने की मांग की है।अन्यथा,इस मामले को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है।

*क्या कहते हैं एमओ :
एमओ अरविंद कुमार का कहना है कि मुझ पर लग रहे आरोप निराधार है।शिकायतों के आधार पर जांच व अनियमितता मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है।उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर एक सँयुक्त टीम ने रक्सौल के 13 पंचायतों व रामगढ़वा के रघुनाथपुर,बैरिया व चंपापुर पंचायत में जांच की।जिसकी गोपनीय रिपोर्ट जिला के उच्चाधिकारियों को की गई है।उन्होंने यह भी कहा कि उगाही और पूर्वाग्रह का आरोप गलत है।यदि शिकायत मिलती है,तो,जांच व प्राथमिकी की कार्रवाई अवश्य होगी।

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