काठमांडू/बीरगंज( vor desk )।
काठमांडू-रक्सौल रेल मार्ग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के नेपाल सरकार ने भारत के प्रस्ताव पर विभिन्न पक्षों से विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।
नेपाली विदेश मंत्रालय के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि महामारी के दौरान अध्ययन कराने के लिए सुझाव मांगने और आगे के विचार-विमर्श के लिए यह प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्रालय और कोविड-19 संकट प्रबंधन केंद्र को संदर्भित कर दिया गया है। भारत सरकार ने यह प्रस्ताव पिछले महीने भेजा था। परियोजना की डीपीआर तैयार करने के लिए कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन का नाम प्रस्तावित किया गया है।
मालूम हो कि 30-31 अगस्त, 2018 को काठमांडू में हुए चौथे बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्नीकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बिम्सटेक) सम्मेलन के दौरान नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में इस आशय के सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे।219 किमी का काठमांडू-रक्सौल विद्युत रेल मार्ग डबल ट्रैक और 135.87 किमी मार्ग सिंगल ट्रैक का होगा। इस रेल मार्ग के लिए 892 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। जबकि इस पर 13 रेलवे स्टेशन और 39 टनल प्रस्तावित हैं।
2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देशों की आत्मीयता और सांस्कृतिक एकता के संवर्धन के लिए जब जनकपुर गए थे तब नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने उनके संग जनकपुर से अयोध्या के बीच सीधी बस सेवा का उद्घाटन किया था।
कुछ दिनों पहले नेपाल को दो जोड़ी रेल इंजन और कोच मिली है। यह ट्रेन बिहार के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक जाते हैं। इसके जरिए भारत के बिहार में जयनगर और नेपाल जनकपुर में कुर्था के बीच रेलवे कनेक्शन को पुनर्जीवित किया गया। इस रूट पर पैसेंजर ट्रेनों के साथ मालगाड़ियां भी चल रही हैं।
रेलवे विभाग के महानिदेशक बलराम मिश्रा ने कहा था कि यह सेट पिछले 18 सितंबर को दोपहर बाद भारत के कोंकण रेलवे द्वारा नेपाल को दिया गया। बलराम मिश्रा ने कहा कि यह नेपाल के जनकपुर के कुर्था तक जाएगा।(रिपोर्ट:शिपु तिवारी )।