रक्सौल।(vor desk )।एनडीए में लोजपा के कारण फंसे पेंच और भाजपा -जनता दल यू के बीच सीट को ले कर जिच के कारण अब तक सीट और उम्मीदवारों की स्थिति साफ नही हो सकी है।यही कारण है कि रक्सौल और नरकटिया विधानसभा क्षेत्र में सभी की नजरें एनडीए में जारी हल चल पर टिकी हुई है।
रक्सौल में एनडीए की ओर से भाजपा विधायक डॉ अजय सिंह विधायक हैं,जबकि, नरकटिया में महागठबंधन की ओर से राजद के डॉ0 शमीम अहमद विधायक हैं।
दोनो सीटों पर जनता दल यू की नजर है।नरकटिया के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह सीट जनता दल यू के खाते में जाएगी।जबकि,रक्सौल पर दावेदारी जारी है,क्योंकि, यहां से भाजपा पिछले पांच टर्म से काबिज है।
नरकटिया से जनता दल यू के लड़ने की चर्चा के बीच टिकट दावेदारी की दंगल भी है।यहां से पूर्व मंत्री श्याम बिहारी प्रसाद,पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह कुशवाहा,डॉ0 कुम कुम सिन्हा टिकट के दौड़ में शामिल हैं।जबकि, इस पर भाजपा का दावा भी है।मुखिया सोनू कुमार भाजपा से सक्रिय हैं।बता दे कि पिछली बार यहां डॉ0 शमीम ने रालोसपा के संत सिंह कुशवाहा को हराया था।रालोसपा एनडीए गठबन्धन का हिस्सा थी।
इधर,जनता दल यू की रक्सौल सीट पर लगातार दावेदारी बनी हुई है।जनता दल यू के नेता व कार्यकर्ता खुल कर इस सीट के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
जनता दल यू के जिलाध्यक्ष कपिल देव प्रसाद उर्फ भुवन पटेल इस सीट पर दावे से शिर्ष नेतृत्व को अवगत कराते हुए मांग की है कि यह रक्सौल सीट पार्टी को अवश्य मिलनी चाहिए।
श्री पटेल का दावा है कि 2010 में जनता दल यू 6 सीट पर लड़ी थी।जिसमे पांच सीट पर जीत हासिल हुई थी।इसलिए पूर्वी चंपारण में पार्टी को छह सीट मिलनी चाहिए।
इधर,जनता दल यू कार्यकर्ता और समर्थक सोशल मीडिया के जरिये व पत्र लिख कर लगातार यह मांग कर रहे हैं कि रक्सौल सीट जनता दल यू को मिले और भुवन पटेल को उम्मीदवार बनाया जाए।इसके लिए लगातार मुहिम चलाया जा रहा है।
श्री पटेल रक्सौल के निवासी हैं।और वर्ष 1995 में निर्दलीय उम्मीदवार भी थे।इस बार रक्सौल सीट पर उनकी नजर बनी हुई है।उनका कहना है कि हरेक कार्यकर्ता चाहता है कि तरक्की व प्रगति हो।शिर्ष पर पहुंचे।इसलिए यदि पार्टी कोई जिम्मेवारी देती है,तो,पीछे नही हटेंगे।
वैसे ,रक्सौल से जनता दल यू के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य व ढाका विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमा चुके पूर्व प्रत्याशी प्रमोद कुमार सिन्हा भी रक्सौल से टिकट के लिए पटना दिल्ली की दौड़ में हैं ।उनका कहना है कि रक्सौल सीट यदि जनता दल यू को मिलती है,तो,जीत सुनिश्चित होगी।श्री सिन्हा लगातार क्षेत्र में जन सम्पर्क में रहे हैं।पार्टी के फाउंडर मेंबर श्री सिन्हा ने शिर्ष नेतृत्व से लगातार संपर्क में बताए जा रहे हैं।
तो, जनता दल यू नेता व बरुराज विधान सभा प्रभारी सन्नी पटेल भी टिकट के रेस में हैं।उनका कहना है कि एनडीए से युवा चेहरा को ही टिकट मिलना चाहिए।वरना रक्सौल सीट रिस्क में होगा।
हालांकि,2015 में रक्सौल से निर्दलीय चुनाव लड़े पूर्व मंत्री श्याम बिहारी प्रसाद की नरकटिया पर दावेदारी बनी हुई है।लेकिन, रक्सौल सीट जनता दल यू खाते में गई,तो,निश्चय ही वे प्रबल दावेदार होंगे।श्री प्रसाद का कहना है कि पार्टी का जो भी निर्देश होगा,सर आंखों पर होगा।
जहां,तक समीकरण का सवाल है,यह सीट 1990 से 2000 तक जनता दल की रही।जो राजद के नाम से जानी जाती है।लेकिन,जनता दल यू भी इसी से अलग हुई।
वर्ष 2015 में जनता दल यू एनडीए की बजाय महागठबन्धन में शामिल थी।रक्सौल में महागठबंधन की ओर से राजद प्रत्याशी सुरेश यादव महज 3026 वोट से भाजपा के विधायक डॉ0 अजय सिंह से पराजित हुए।विधायक डॉ अजय सिंह वर्ष 2000 से लगातार पांच टर्म विधायक रह चुके हैं।
इधर,पिछले बार 2015 मे अलग अलग चुनाव लड़ने के कारण जनता दल यू का इस सीट पर दावा बना हुआ है।पार्टी सूत्रों की माने तो जनता दल यू का आधार वोट भी यहां बढा है,पार्टी मजबूत स्थिति में है।
जनता दल यू के कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि जनता दल यू को रक्सौल सीट मिलती है,तो,जीत आसान होगी।क्योंकि,यहां हालिया परिदृश्य से अलग नया चेहरा,नया समीकरण व उत्साह होगा।नगर परिषद क्षेत्र में भी पार्टी काफी मजबूत है।यदि जिले में छह सीट मिलता है,तो,नरकटिया के बाद रक्सौल सीट पर पार्टी की महत्वपूर्ण दावेदारी अवश्य रहेगी।
हालांकि, एमएलसी बबलू गुप्ता के प्रतिनिधि व भाजपा नेता कृष्ण कुमार गुप्ता की माने तो,रक्सौल सीट भाजपा के खाते में ही रहेगी,क्योंकि, यह परम्परागत सीट है।यहां पांच टर्म से सिटिंग एम एल ए हैं।
फिलहाल,इस परिदृश्य को ले कर चर्चा परिचर्चा तेज है।लेकिन,जब तक टिकट बंटवारे की तस्वीर साफ नही हो जाती,कुछ भी नही कहा जा सकता,इसलिए सभी की नजर बिहार की राजधानी पटना की सियासत पर टिकी है।एनडीए गठबन्धन की ओर से स्थिति साफ होने का इंतजार किया जा रहा है।