रक्सौल।( vor desk )।बिहार विधान सभा चुनाव को ले कर डुग डुग्गी बज चुकी है।रक्सौल ,नरकटिया व सुगौली विधानसभा क्षेत्र में तृतीय चरण में 7 नवम्बर को चुनाव होने हैं।लेकिन,अब तक यह तस्वीर साफ नही हो पाई है कि फाइनली मैदान में कौन कौन प्रत्याशी किस किस दल से होंगे।
इन तीनो सीटों पर उम्मीदवारी के लिए घमासान मचा है।रक्सौल में भाजपा के डॉ अजय सिंह,नरकटिया में राजद के डॉ शमीम अहमद और सुगौली में भाजपा के रामचन्द्र सहनी विधायक हैं।जो फिर से उम्मीदवारी के लिए आश्वस्त होने के साथ निरन्तर क्षेत्र में सक्रिय हैं।उनका जनसम्पर्क अभियान लगातार जारी है।
इधर,विपक्षी दल और चेहरे आगामी चुनाव के समीकरणों में फेर बदल व अपने पक्ष में हवा बनाने को बेचैन हैं।लिहाजा नूराकुश्ती शुरू है।
विभिन्न दलों के दर्जनों चेहरे अपनी अपनी दावेदारी के साथ दलों की उम्मीदवारी के लिए पटना और दिल्ली की दौड़ में हैं।इसमे राजनीतिक क्षेत्र के कई दिग्गज भी शामिल हैं।कई नए चेहरे भी हैं।
इस बीच,कई सामाजिक कार्यकर्ता निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे दिख रहे हैं।जो आने वाले दिनों में दलों के समीकरण में उलट फेर कर सकते हैं।
हालांकि,अब तक बिहार के राजनीतिक दलों के गठबंधन को ले कर जारी यहां पोह से असमंजस की स्थिति कायम हैं।
जबकि, क्षेत्र में एनडीए की ओर से पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूडी और सांसद राम कृपाल यादव का दौरा और चुनावी सभा भी आयोजित हुई है।
बावजुद,बनते बिगड़ते समीकरणों के बीच आम मतदाताओं में खासा उत्साह नही के बराबर नही दिख रहा है।
दलों के गठबंधन के घमासान से विकास का मुद्दा गायब है।इस बात की चर्चा नही हो रही कि कैसे विकास होगा।लेकिन,दलों की उलझाऊ रणनीति ने सबकी नजर उम्मीदवारी पर केंद्रित कर रखी है कि कौन कौन लोग टिकट की रेस में हैं।किसको टिकट मिलेगा।इस बात की चर्चा तेज है कि कौन कौन जाती का है।कितना खर्च कर रहा है।टिकट नही मिला,तो क्या होगा।
जहां तक रक्सौल सीट का सवाल है ,यहां भी कुछ साफ नही दिख रहा।क्योंकि,गठबंधन के पेंच से तस्वीर साफ नही है।जेडीयू इस सीट पर अपना दावा कर रही है,तो,भाजपा परम्परा गत सीट होने के कारण आशवस्त दिख रही है।उधर,कांग्रेस भी इस सीट पर दावा कर रही है,जबकि, राजद तैयारी में जुटी है।अन्य दलों की भी स्थिति साफ नही है।
वैसे ही,नरकटिया में राजद के विधायक डॉ शमीम मजबूती से खम ठोक रहे हैं।तो,एनडीए गठबन्धन की तस्वीर साफ नही हो पाई है।
,उसी तरह सुगौली में भाजपा अपनी तैयारी में है,जबकि, राजद भी होड़ में है।बावजुद महागठबन्धन ने इस सीट पर अपनी स्थिति साफ नही की है।
इसी कारण राजधानी में दलों के गठबन्धन के पल पल बदलते स्वरूप के कारण टिकट के दावेदारों की बेचैनी भी बढ़ रही है,क्योंकि,अब इस खेल का अंतिम दौर जारी है।
इधर,कोरोना काल मे चौपाल जम नही रही।सो खुल कर चर्चा नही हो रही।कुछेक प्रत्याशी को छोड़ कर अधिकतर के पटना कैम्प किये रहने से चुनावी सरगर्मी जोर नही पकड़ रही।
लोग इस बात से भी निराश है कि हमारे कहने और चाहने से क्या होगा!,क्योंकि टिकट तो दल को ही देना है।वहीं,पार्टी कार्यकर्ता गुट में बंटे हैं।हालांकि, उनका कहना है कि दल की ओर से जो उम्मीदवार आएंगे,उनको जिताएंगे।
फिलवक्त,सबो की नजर भावी प्रत्याशियों पर टिकी हुई है।देखना है कि चुनावी दंगल में कौन कौन राजनीतिक सुरमा मैदान में उतरते हैं और किस्मत किसका साथ देती है।जबकि,पूरे परिदृश्य में वोटर दमी साधे हुए है।