Friday, May 17

कोरोना जांच के लिए सेमपीलिंग लेने आये मेडिकल टीम ने स्कूल में ही जला डाला पीपीई किट,अधजले पीपीई किट से रक्सौल स्थित कण्टोमेन्ट जोन में भय व रोष!

रक्सौल।(vor desk )।रकसौल में जुलाई में अब तक 123 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं।दो संक्रमित महिलाओं की मौत हो चुकी है।भयावाह होती स्थिति को देखते हुए डीएम कपिल शीर्षत अशोक सख्त हैं।रक्सौल में कम्प्लीट लॉक डाउन के निर्देश जारी किए गए हैं। शीघ्र ही नगर परिषद को सील करने की कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं।

इस बीच ,स्वास्थ्य विभाग के सिफारिश पर रक्सौल में जहां पांच से बढ़ा कर 15 कण्टोमेन्ट जोन बनाये गए हैं।वहीं,कण्टोमेन्ट जोन को ले कर प्रशासनिक अकर्मण्यता साफ दिख रही है।जिसको ले कर गहरी नाराजगी है।वही,वार्ड 12 में अधजले पीपीई किट मिलने से वार्ड में भय व रोष है।

बताते हैं कि डीएम के निर्देश पर शुक्रवार को पहुंचे कोविड 19 के नोडल पदाधिकारी डॉ रणजीत राय ,डीपीएम अमित अचल, डब्लू एचओ के एसएमओ डॉ सुभान अली की टीम ने जहां लॉक डाउन व कण्टोमेन्ट जोन में लापरवाही की रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी।वहीं,एसडीओ सुश्री आरती के साथ बैठक में कण्टोमेन्ट जोन को सैनिटाइज करने व कम्पलिट् लॉक डाउन पर फोकस किया।

इसके बाद नगर परिषद ने सैनिटाइज की पहल तो की,लेकिन,यह दिखावा साबित हुआ।क्योंकि,वह कुछ वार्डो में कण्टोमेन्ट जोन के लिए लगे बैरिकेट के बाहर ही छिड़काव कर कर चलती बनी,जबकि,कण्टोमेन्ट जोन के लोग मुहं ताकते रह गए।वार्ड 12 में भी पूरी तरह छिड़काव नही हुआ।

रक्सौल के वार्ड 12 में 95 सर्वाधिक 95 संक्रमित मिले हैं।लेकिन, अब तक सैनिटाइज नही किया गया।बैरिकेट के लिए जो बांस बल्ला लगाया गया है।वह भी सही ढंग से नही है,यानी यूं कहिये की खानापूर्ति कर दी गई है।कई जगह तो यह हटा ही दिया गया है।बांस बिखरे पड़े है।यह इस बात का धोतक है कि दण्डाधिकारी व पुलिस बल मुस्तैद नही हैं।जम कर नियमो का उल्लंघन करने की भी सूचना है।

इधर,वार्ड 12 में संक्रमित हुए लोगों की रिपोर्ट के विलम्ब से आने और कोई डेली फॉलोअप नही होने, सर्वे नही होने, सेम्पिलिंग नही होने से पहले ही नाराजगी बनी हुई थी।

आज जब स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर रक्सौल पीएचसी की टीम घर घर संक्रमितों की ‘खैरियत रिपोर्ट ” लेने पहुंची, तो ,उन्हें लोगों के गुस्सा व विरोध का सामना करना पड़ा।टीम में शामिल एएनएम गीता कुमारी,किरण कुमारी व आशा फैसिलेटर सीमा कुमारी,गायत्री कुमारी आदि ने इसकी रिपोर्ट भी विभाग को की ।बाद में डब्लू एचओ के एफएम नरोत्तम कुमार,यूनिसेफ के बीएमसी अनिल कुमार ,व स्वास्थ्य प्रबन्धक सतीश कुमार शाही की पहल पर मामला शांत हुआ।सर्वे व खैरियत रिपोर्ट का कार्य शुरू हुआ।बताया गया कि एक साथ रक्सौल के आठ वार्डो में स्वास्थ्य विभाग की टीम शनिवार से सक्रिय हुई।बता दे कि अब प्रतिदिन संक्रमितों की खैरियत रिपोर्ट जिला को भेजी जानी है।

इधर,वार्ड 12 के कण्टोमेन्ट जोन के अंतर्गत ओल्ड एक्सचेंज रोड के संदीप कुमार , दीपक कुमार , राजन गुप्ता , नवनीत गुप्ता , मिथुन कुमार , संजय कुमार, अभय गुप्ता का आरोप था कि स्वास्थ्य विभाग की टीम केवल खानापूर्ति कर रही है।कोई डॉक्टर टीम में नही थे।


उनका आक्रोश है कि कण्टोमेन्ट जोन बनने के बाद से साफ सफाई तक नही हुई है।गांधी स्कूल में 2 जुलाई को लिए गए 212 सेमपीलिंग हुई थी।इसके लिए लगाए गए शिविर में इस्तेमाल किये गए पीपीई किट को भी मेडिकल टीम द्वारा कोरोना गाइड लाइन का उलनङ्घ्न करते हुए अधजले स्थिति में रख छोड़ा गया है।इससे भय व रोष का माहौल है।उनका आरोप है कि करीब दस दिन बाद कोरोना जांच की रिपोर्ट आई।लेकिन,मेडिकल टीम एक दिन भी नही पहुँची।यही नही यहां झाड़ू तक नही लग रहा।कूड़ा व कीचड़ से वार्ड पटा हुआ है।आवारा पशु खुलेआम घूम रहे हैं।सड़को पर जल जमाव की समस्या भी है।
हालांकि,नगर पार्षद पति व समाजसेवी बप्पी साह का कहना है कि पीपीई किट का अधजले अवस्था मे छोड़ा जाना स्वास्थ्य विभाग की गम्भीर लापरवाही है।इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की जाएगी।उन्होंने कहा कि सैनिटाइज व सफाई को ले कर नगर परिषद व स्वास्थ्य विभाग का ध्यानाकर्षण किया जा चुका है ।वार्ड में कुछ जगह यह हुआ।जहां बाकी है,वहां शीघ्र सुनिश्चित कराया जाएगा।

बता दे कि वार्ड 12 शहर का मुख्य बाजार व ह्रदय स्थली मानी जाती है।जहां से सरकार को भारी राजस्व अर्जित होता है।लेकिन, प्रशासनिक लापरवाही व उदासीनता से इलाके में गहरा आक्रोश है।जो कभी भी फुट सकता है।जबकि, यह कण्टोमेन्ट जोन जुलाई भर रहना निश्चित प्रायः है।

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