Wednesday, May 8

भारत की खुफिया गिरी मामले पर नेपाल पुलिस सुस्त…वीरगंज में पकड़े गए तीन चीनी नागरिकों के पास से भारतीय वाहन और भारतीय सीम बरामद होने से गहराया राज!

रक्सौल।(vor desk)।वीरगंज के लक्षमणवा में प्रतिमा चौक के पास चीनी नागरिकों द्वारा संचालित दफ्तर अपने आप में कई राजो को समेट रखा है।आशंका जताई जा रही है कि इस दफ्तर की आड़ में भारत के खिलाफ खुफिया गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था।दफ्तर को ‘चीन के खुफिया स्टेशन’ के रूप में विकसित करने की योजना थी,जिसके पीछे की मंशा भारत को तबाह करने और विध्वंशक घटनाओं को साजिश को सफल बनाने की थी।लोक सभा चुनाव के ठीक पहले यह दफ्तर दो माह पहले अचानक संचालन में आया।रिपोर्ट है की बड़े संख्या में भारतीय नागरिक भी इनके एजेंट के रूप में कार्यरत हैं। सूत्रों ने बताया कि योजना के तहत वीरगंज नगर के कोलाहल से दूर सुदूर क्षेत्र में इस दफ्तर को स्थापित किया गया।इस दफ्तर से चीनी नागरिकों के समूह द्वारा नेपाल के वीरगंज को केंद्र बना कर ऑन लाइन लॉटरी और ऑन लाइन शॉपिंग के जरिए नेपाली और भारतीय के साथ ही विदेशी नागरिकों से ठगी के साथ ही अन्य संदेहास्पद गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था।

।नेपाल पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस दफ्तर के लिए इमारत को नेपाल के हेतौडा की एक महिला श्रद्धा जोशी ने किराए पर एग्रीमेंट के तहत लिया। श्रद्धा छापेमारी के बाद से फरार है। इमारत नंदू पटेल की है।दफ्तर में सीसीटीवी कैमरे से ले कर बेड रूम और अत्याधुनिक सुविधा मौजूद थी।कंप्यूटर ट्रेनिंग इंश्चयुट की तरह का लैब बनाया गया था।जिसमे 120 कंप्यूटर सेट लगाए गए थे,जिसको ले कर चर्चा थी की खुफिया गतिविधियों के राज को गुप्त रखने के लिए शैक्षणिक संस्था की आड़ देने की योजना थी,ताकि शक ना हो।बताया गया है कि इसमें चाईनिज स्टडी सेंटर संचालन की योजना बनाई गई थी।जिसका नामकरण ब्रेडा इंटरनेशनल के रूप किया गया था।आस पास के लोग इसी रूप में जानते थे ।सूत्रों ने यह भी बताया की पकड़े गए तीनो चीनी नागरिक साइबर एक्सपर्ट हैं।चीनी नागरिकों की पहचान चीन के हुनान प्रान्त निवासी लिउ गुइ चाइ(33) ,हुवेइ प्रान्त निवासी वाङ बोहाङ(26) और हुबेई प्रान्त निवासी जीयाङ जियाओ (36) के रूप में हुई है।जिनका कनेक्शन,पाकिस्तान,मलेशिया,कंबोडिया समेत कई देशों में हैं।इनका मुख्य निशाना भारतीय नागरिक थे।ऑन लाइन लॉटरी के नाम पर इनाम का प्रमोभन दे कर ठगी,ऑन लाइन शॉपिंग साइट के नाम पर ठगी,शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कराने के नाम पर ठगी का काम चल रहा था।इसके साथ ही कॉल सेंटर के साथ अंतराष्ट्रीय कॉल बाईपास का भी धंधा चलने की सूचना है। सूत्रों का दावा है कि भारतीय सीम से भारत में कॉल किया जाता था और इसका इस्तेमाल ठगी के साथ खुफिया नेक्सस को मजबूत बनाने में की जा रही थी।पुलिस अधिकारी दफ्तर से 13पीस जियो कंपनी के भारतीय सीम के बरामद होने के बाद सकते में हैं।इस बात की जांच की जा रही है की आखिर चीनी नागरिकों को भारतीय सीम कैसे हासिल हुआ।आखिर वे किन किन भारतीय नागरिकों के संपर्क में थे। भारतीय नंबर प्लेट के वाहन के भी बरामद होने से इस बात के संकेत मिले है कि इनकी आवाजाही भारतीय क्षेत्र तक थी।बताते हैं की वीरगंज पुलिस ने दो नेपाली समेत दो चीनी लोगों को पूछ ताछ के लिए हिरासत में लिया था,नेपाली नागरिकों को पूछ ताछ के बाद बॉन्ड बना कर छोड़ दिया है,जबकि,चीनी नागरिको को पर्यटक बता कर छोड़ दिया गया।लेकिन,पकड़े गए तीनो चीनी नागरिकों को मीडिया के सामने सार्वजनिक नही किया गया,जबकि,नेपाली नागरिकों का डिटेल भी नही दिया गया।इससे यह साफ नही हो सका है की वे अनुवादक थे या सहयोगी

चीनी नागरिकों के समूह में कुल पांच लोगों के होने की सूचना है,जिसमे दो को पुलिस अब तक नही पकड़ सकी है।।सबसे बड़ा सवाल है कि बिना नेपाली नागरिकों के संलिप्तता के भारतीय सीमा के करीब यह कारनामा कैसे संभव हुआ?आखिर इसके पीछे कौन है?
मिली जानकारी के मुताबिक,भारतीय सीम और भारतीय वाहन की बरामदगी से भारतीय दूतावास और भारतीय खुफिया एजेंसियां एलर्ट मोड में आ गई है और हरेक पहलुओं पर नजर बनी हुई है।हालाकि,जांच की सुस्त चाल से कई सवाल खड़े हो रहे है।वहीं,वीरगंज के डीएसपी कुमार विक्रम थापा ने कहा कि तीनो चीनी नागरिकों से पूछ ताछ जारी है।इन्हे रिमांड पर ले कर गहन जांच हो रही है।वहीं,मोबाइल ,लैपटॉप का लॉक खोलने की प्रक्रिया जारी है,जो चीनी भाषा में है।चीनी भाषा में ऑडियो विडियो रिकॉर्डिंग भी है।चीनी भाषा के विशेषज्ञ को बुलाया जा रहा है,ताकि,जांच आगे बढ़े।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!