रक्सौल।(vor desk )।आधुनिक भारत में सर्वजन शिक्षा के जनक विशेषकर नारी व बहुजनों क लिये शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्यो को सुलभ तरीके से मुहैया करानेवाले फूले दंपति ही शिक्षक दिवस पर सम्मानित किये जाने के हकदार हैं,जिनकी बदौलत भारत में महिला शिक्षा के साथ ही अभिवंचित वर्ग क लोगों को शिक्षा मयस्सर हो सकी।उक्त बातें अम्बेडकर ज्ञान मंच,रक्सौल की सदस्य शिक्षिका पूजा कुमारी ने शिक्षक दिवस को सादगीपूर्ण मनाते हुये अपने निज निवास रतनपुर में शनिवार को कही।
उन्होनें कहा कि आजीवन संघर्षो से भरे पड़े शिक्षा के जनक राष्ट्रपिता ज्योतिबा फूले ने अभिवंचित वर्गो व महिलाओं के हकों कि आवाज को बुलंद किया तथा विधवा महिलाओं के लिये सम्मान पुर्वक जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त किया।
फूले ने ही अपनी अशिक्षित पत्नी माता सावित्री बाई फूले को पढा-लिखा कर देश में प्रथम बालिका विद्यालय कि स्थापना की,जिससे सावित्री बाई फूले को देश की प्रथम महिला शिक्षिका बनने का गौरव मिला।ताराचंद राम ने भी उन्हे शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक भारत का निर्माता करार दिया।
इधर,मंच के संस्थापक मुनेश राम ने फूले दंपति के जीवनी व आदर्शो को आत्मसात करते हुये महिलाओं व अभिवंचित वर्ग के लोगों का आह्वान करते हुये कहा की उन्ही महापुरुषों की बदौलत आज की नारी व बहुजन समाज के लोग सम्मान पुर्वक जीवन जी रहे है।वर्ना 1848 से पहले इस देश में अभिवंचित वर्गो व किसी भी वर्ग की महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नही था,जिसे काफी संघर्षो क बाद ज्योतिबा राव फूले ने अंग्रेजों से वैधानिक लडाई लड़कर हासिल किया।अतः भारतीय लोगों क सच्चे गुरु,शिक्षक तथा मार्ग दर्शक फूले दंपति है।