Sunday, November 24

शांति -सौहार्द के बीच रक्सौल में मना ईद उल अजहा,घर पर पढ़ी गई नमाज!

रक्सौल।( vor desk )।त्याग और बलिदान का पर्व ईद उल अजहा शांति और सौहार्द के वातावरण में मनाया गया।

लॉक डाउन के बीच लोगों को घरों से निकलने की इजाजत नही थी।लिहाजा घरो में हुई नमाज पढ़ी गई।और मोबाइल व सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरों को बधाई दी गई।

इस बाबत समसुद्दीन आलम ने बताया कि इस साल कोरोनावायरस के वजह से ईद-उल-अजहा की नमाज सभी भाइयों ने घर से ही अदा की एवं घर के लोगों के साथ ही ईद- उल-अजहा का पर्व मनाया गया। आलम ने बताया कि हर साल हम सभी एक दूसरे को दावत देते थे एवं एक दूसरे के घर जा कर के उन्हें बधाई देते थे परंतु इस साल कोरोनावायरस के कहर के वजह से सभी लोग अपने घर पर घर के लोगों के साथ ही ईद उल अजहा का पर्व मना रहे हैं। साथी साथ उन्होंने सभी रक्सौल वासियों को ईद उल अजहा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी एवं अल्लाह ताला से दुआ की कि जल्द से जल्द कोरोनावायरस का कहर भारत समेत सभी पूरे विश्व से खत्म हो जाए एवं सभी लोगों की जिंदगी पहले की तरह सामान्य हो जाए। ईद-उल-अजहा की बधाई देने वालों में नेयाज अहमद,महम्मद रेहान,असरफ बबलू,इम्तियाज अहमद, निजामुद्दीन आलम, रमजान आलम, ग्यासुद्दीन आलम अलाउद्दीन आलम, सलाउद्दीन आलम, सलाउद्दीन आलम, इरशाद अहमद, परवेज आलम, नौशाद आलम, सोनू अहमद, जफर आलम, फिरोज अहमद, शाहरुख, निसार अहमद, दिलदार अहमद, आसिफ, रेहान, यासीन, मासूम, साहिल, समीम, समीर, फ़ैज़ अहमद, मूसा आलम, इत्यादि शामिल थे.

कांग्रेस नेता राम बाबू यादव ने दी बधाई:

इस बीच, लॉक के क्रम में कांग्रेस नेता रामबाबु यादव ने ईद उल अजहा पर घर घर जाकर बधाई दी। श्री यादव ने कहा कि इस कॅरोना काल महामारी में कोई भी पर्ब याद गार रहेगा ।पहली बार भीड़ भाड़ से अलग कोई भी पर्ब मनाया जा रहा है। रक्षा बंधन पर्ब ऐसे ही मनाया जायेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना बीमारी से अपने आप को बचाना है। सरकार के भरोसे नही रहना है।उन्होंने पुरन्द्रा, पलनवा, भेलाही,आमोदेई,पोखरिया, बिसुनपुरवा, मंझरिया,हरकटवा, अनरापकही का दौरा किया और शुभकामनाएं दी।मौके पर महमद नौशाद, महमद कमरूदीन,नुरदिन हवारी,सुनील कुशवाह, सेख हैदर, परमानंद ,प्रदुमन, आदि मौजूद रहे।

उधर,पूर्व प्रमुख महम्मद असलम,हफीज अंसारी,महम्मद एहतेशाम,नुरुल्लाह खान ,पूर्व उप प्रमुख नायाब आलम,सैफुल आजम,फखरुद्दीन आलम, आदि ने भी शुभकामनाएं दी।

पर्व के महत्व
भूखे को अपने हिस्से का रोटी देना, बुरी आदतों से तौबा करना, खुदा के बताए रास्तों पर चलना गरीबों और यतीमों के जीवन में खुशियां भरना ईद उल अजहा बकरीद का पर्व यहीं संदेश देता है अल्लाह को राजी करने का पर्व है कुर्बानी। समय-समय पर अल्लाह अपने बंदों का इम्तिहान लेता रहता है। कुर्बानी पर्व लगातार तीन दिन तक मनाया जाता है। बहरहाल पर्व का मुबारकबाद देने का सिलसिला लगातार जारी है। वाट्सएप व फेसबुक पर भी बधाई तथा शुभकामनाएं लोग दे रहे है।

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