रक्सौल।( vor desk )।आइसीपी के रास्ते भारत लौटने वाले नागरिकों की होड़ लगी हुई है।लेकिन,नेपाल में मजदूरी करने गए मजदूर कामगारों की बड़ी संख्या दुतावास के सम्पर्क से बाहर है।क्योंकि,वहां तक न तो इनकी पहुंच है।न एंड्रॉयड मोबाइल ।यही कारण है कि बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर चोरी छिपे सीमा पार कर रहे हैं।यह क्रम लगातार जारी है।मजे की बात है कि इन्हें दोनों ओर तैनात सुरक्षाकर्मी भी वतन वापसी से नही रोक पाते।
इसी कड़ी में बुधवार को बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर रक्सौल पहुँचे।जो ट्रेन पकड़ने यहां आए।लेकिन,इन्हें दर दर की ठोकड खानी पड़ रही है।
ये सभी रक्सौल स्टेशन से ले कर रेलवे ढाला तक खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं।जिनकी मदद के लिए स्वच्छ रक्सौल संस्था आगे आई।संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह के मुताबिक,इसमे यूपी और पंजाब के मजदूर शामिल हैं जो सीमा पार कर घर जाने के लिए पहुंचे हैं।सभी को भोजन वितरण किया गया है। उनका कहना है कि ये सत्यग्रह ट्रेन से गुरुवार की सुबह रवाना होंगे।
बताया गया कि इन मजदूरों के लिए रेलवे या प्रशासन ने कोई व्यवस्था नही की है। व्यवस्था नहीं होने से ये लोग रोड पर रहने को मजबूर हैं। पंजाब के द्वेवेन्दर सिंह, मनजीत सिंह, बिट्टू सिंह, बेलकर सिंह, गुप्ते सिंह, बलवीर सिंह, गुरप्रीत सिंह, चिरंजवी सिंह, बीदर्शन सिंह, ब्लेन्डर सिंह, बलकार सिंह, शुशील कुमार आदि ने बताया कि हम रिफाइंड तेल कम्पनी में काम करते थे।लेकिन,फैक्ट्री बन्द होने से खाने को लाले पड़ गए।सो वे खेतों के रास्ते सीमा पार कर यहां पहुंचे हैं । क्या करते भारतीय दूतावास में हम जैसों की कोई सुनवाई नही होती।
तो,यूपी के आजमगढ़ के लालचन्द्र प्रसाद, दिनेश कुमार , राजेश, रितिक, नितेश, छोटेलाल, नितिन
ने बताया कि हम लोग बीरगंज में भुजा पकौड़ी बेच कर अपना जीवन यापन करते थे।दुकान बंद होने से हम भुखमरी के शिकार बन गए।इसीलिये किसी तरह घर जाने को निकल पड़े।