रक्सौल।(vor desk )।लॉक डाउन में ढील मिलने के बाद दुकान खुली रही है मगर ग्राहक नदारद होने से व्यापारी परेशान हैं । विश्वव्यापी कोरोना महामारी के दरम्यान जारी लॉक डाउन में अनेको पर्व बीत़़ते चले गए ।जिसमे चैत्र नवरात्र, चैती छठ ,हनुमान जयंती ,रामनवमी ,सबेबरात आदि शामिल हैं।अब बारी मुस्लिम धर्मावलंबियों के महान पर्व ईद की है।जिसको देखते हुए बिहार सरकार द्वारा पूर्वी चंपारण के रिस्क में होने के बाद भी लॉक डाउन में काफी छूट दी गई,ताकि, लोगों में राहत के साथ साथ मायूसी में कमी हो।व्यापार में भी बढ़ोतरी हो । परंतु व्यापारी वर्ग में काफी निराशा का आलम देखा गया।ईद पर्व पर भी रेडीमेड, कपड़ा ,किराना, जूता -चप्पल इत्यादि दुकानों में भीड़ की जगह सुनसान का दौर चल रहा है। मुस्लिम समुदायों के प्रमुख इस पर्व में खासकर चीनी ,दूध ,इलायची ,किशमिश, काजू ,छुहारा ,इत्र ,लूंगी ,गंजी आदि की बिक्री होती आ रही हैं ।मगर इस बार दुकानदार बताते हैं कि दुकान खुली है मगर ग्राहक नदारद है। रक्सौल शहर के प्रमुख कपड़ा व्यवसाई राजकुमार गुप्ता, सास बहू साड़ी शोरूम के राजू गुप्ता और किराना के व्यवसायी रामबाबू प्रसाद, बबलू किराना के बबलू केशरीवाल ,यूनिक डिपार्टमेंटल के राजेश अग्रवाल,दिल्ली किराना के रमेश कुमार,आदि दुकानदारों ने बताया कि पिछले साल और इस साल में मूल्यों में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है फिर भी हम लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। किराना व्यवसाई रामबाबू प्रसाद घिवारी ने किराना सामानों की कीमत यथा चीनी ₹38 किलो सेवई ₹80 किलो काजू ₹800 किलो किशमिश ₹250 किलो छुहारा ₹200 किलो सूखा नारियल₹200 किलो इलायची ₹8000 किलो सूखा दूध पाउडर ₹300 किलो बताया और कहा कि मूल्यों में कोई खास अंतर नही है।। बहरहाल अंदाजा लगाया जा रहा है कि लोग आर्थिक तंगी के शिकार हैं। इस कोरोना महामारी के कारण अधिकांश लोग जूझ रहे हैं।जिसका असर सीधा बाजार पर पड़ा है। जो फिलहाल दूर होते कहीं से दिखाई नहीं दे रही हैं।यही कारण है कि जहां ईद पर्व सादगी से मनाई जा रही है।वहीं, फिंके बाजार के कारण व्यापारियों का चेहरे भी मुर्झाए हुए हैं ।(रिपोर्ट: राजेश केशरीवाल)