एसडीओ अमित ने कहा सरिसवा नदी जल की होगी जांच,कूड़ा जलानेवालों पर होगी कार्रवाई
समाजिक संगठनों के साथ हुई बैठक,स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ को दिया गया प्रशिक्षण
रक्सौल।(vor desk )।रक्सौल में हाल के दिनों में अज्ञात बीमारी से लगातार हो रही मौत को ले कर स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है।इसको ले कर पूर्वी चंपारण के सिविल सर्जन डॉ0 रिजवान अहमद मंगलवार को रक्सौल पहुँचे।यहाँ उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ अब तक हुए 9 बच्चे की मौत के मामलों की समीक्षा की।सभी बच्चों के मौत से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।जिसमे मुहल्ला की स्थिति,आर्थिक स्थिति,रहन सहन,खान पान,चिकित्सकीय सुविधा की स्थिति,प्रसव के स्थान,बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति जैसे विषय शामिल थे।इस दौरान सिवल सर्जन डॉ रिजवान व यूनिसेफ के एसआरसी निशात अहमद के साथ ही एसएमसी डॉ0 धर्मेंद्र कुमार ने रक्सौल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा को निर्देश दिया कि अब आगे बच्चों की मौत न हो ।इस पर अभियान केंद्रित करें।मुहल्लों में माता,गभवती महिला,नवजात शिशु व बच्चों का सर्वे कर उनके स्वास्थ्य जांच के साथ ही उन्हें बेहतर स्वास्थ्य ,साफ सफाई व बच्चों के देखभाल को ले कर अभियान चलाए।जन प्रतिनिधियों , सामाजिक संगठनों,आंगनबाड़ी केंद्रों के सहयोग से मुहल्लों में कैम्प लगा कर अभियान को गति दें।कमजोर व बिमार बच्चों पर पूरी नजर रखें।
रिपोर्ट का इंतजार:सिविल सर्जन डॉ रिजवान अंसारी ने पत्रकारों से कहा कि बेतिया मेडिकल कॉलेज की टीम ने मौत की जांच की है।रिपोर्ट मिलते ही आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी।उन्होंने कहा कि अधिकांश मामलों में बच्चों जन्म शहर से बाहर हुआ।जन्म घर पर हुआ।कई प्रवासी भी थे।तबियत खराब होने पर इलाज नही कराया गया।कुछ मामलों को देखें तो ऐसा लगता है मां को शिशु देख रेख की जानकारी का अभाव ,गलत ढंग से दुग्ध पान,सोने के तरीके ,ठंड लगने से मौत हो गई।उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।लेकिन,हमारा पूरा ध्यान केंद्रित है कि शहर में बच्चों के मौत को रोका जाए।
इसके लिए मेडिकल कैम्प लगाने व जागरूक करने का अभियान शुरू किया जा रहा है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण:खुद सिविल सर्जन डॉ रिजवान अहमद ने एएनएम ,आशा फैसिलेटरों व स्वास्थ्य कर्मियों को प्रसव में जोखिम की पहचान, बच्चों के देखभाल,दुग्धपान कराने -सुलाने,ठंड से बचाने, माताओं को साफ सफाई व पोषक आहार जैसे मसले पर पाठ पढ़ाया।उन्होंने इस प्रशिक्षण सत्र में कहा कि लापरवाही नही चलेगी।अपने अपने क्षेत्र में पूर्ण सजग हो कर ड्यूटी करें।घर घर जाएं।जागरूक करें और बिमार व कुपोषित बच्चों व उनकी माताओं पर पूरी नजर रखें।
समाजिक संगठनों के साथ बैठक:सिविल सर्जन डॉ रिजवान अंसारी ने सामाजिक संगठनो से शहर में साफ सफाई व जागरूकता अभियान में मदद की अपील की।कहा कि मौत को रोकना केवल स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही नही है।बल्कि, जानकारी के अभाव में जो मौत हो रही है।उसमें सबो की भूमिका महत्वपूर्ण है।इस दौरान प्रो0 स्वयम्भू शलभ व स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने सरिसवा नदी के जहरीले जल व नगर परिषद के कूड़ा जलाने दे जहरीले बातावरण को जिम्मेवार बताते हुए कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए।जो मौत हो रही है वह सरिसवा नदी तट से लगे मोहल्लों में हो रही है।इसलिए स्वास्थ्य विभाग टीम गठित कर जांच कराए।इस पर सिविल सर्जन ने सकरात्मक आश्वासन देते हुए माना कि प्रदूषण भी एक वजह हो सकती है।इस दौरान एसडीओ अमित कुमार ने कहा कि नगर परिषद के साथ बैठक होगी।नदी तट पर कूड़ा फेकने व उसे जलाने की शिकायत मिली तो प्राथमिकी दर्ज करने के साथ कड़ी कारवाई की जाएगी।उन्होंने कहा कि सरिसवा नदी के जल के साथ प्रभावित मोहल्ले के पेयजल की जांच कराई जाएगी।बैठक में भारत विकास परिषद के सचिव उमेश सिकरिया व लायन्स क्लब ,मीडिया फ़ॉर बॉर्डर हार्मोनी संगठन के प्रतिनिधि शामिल थे।
इस दौरान इस दौरान रक्सौल एसडीओ अमित कुमार,सीडीपीओ जयमाला कुमारी ,यूनिसेफ के एसआरसी निशात अहमद,एसएमसी डॉ धर्मेंद्र कुमार ,बीएमसी अनिल कुमार,समेत डॉ एसके सिंह,डॉ जीवन चौरसिया,डॉ राजीव रंजन,डॉ सेराज अहमद,डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह,डॉ सुनील कुमार,डॉ अमित जायसवाल,डॉ सुलतान,डॉ मुराद आलम,डॉ आफताब आलम,डॉ प्रकाश मिश्रा, स्वास्थ्य प्रबन्धक सतिश कुमार शाही,बीसीएम राजकेश्वर यादव,केयर संस्था की होपीजीवा,बीएम प्रियरंजन,दिनेश चन्द्र,कम्प्यूटर अमरनाथ,लैब टेक्नीशियन शमशाद, दीप राज समेत अन्य चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।