रक्सौल।(vor desk )।’सुर प्रसून बरषहिं हरषि करहिं अपछरा गान।
चले अवधपति अवधपुर मुदित बजाइ निसान!’
जैसे श्लोक व मंगल गान के बीच जनकपुर से अयोध्या के लिए लौटती बारात नेपाल के बीरगंज से रक्सौल सीमा में प्रवेश किया।चारो ओर जय श्री राम का नारा गूंज उठा।श्रद्धालुओं व हिन्दुत्वादियो में इस बात की खुशी देखी गई कि पांच वर्षों पर आई इस बारात के लौटने के बाद अब अयोध्या में राम मंदिर बनेगा।अब राम जानकी टेंट में नही रहेंगे ।यह बारात भारत-नेपाल के त्रतायुगीन रिश्ते को जीवंतता दे रही थी।इसलिए बॉर्डर पर नेपाल व भारत के दोनों ओर के उपस्थित जनसमुदाय जय सिया राम का नारा भी बुलंद कर रहे थे।
भव्य स्वागत:राम जानकी रथ का सीमापार बीरगंज समेत सीमावर्ती रक्सौल शहर में जगह जगह भव्य स्वागत हुआ।फूल वर्षाए गए।मंगलगान हुए।पूजन अर्चन व आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की होड़ लग गई।नेपाल के बीरगंज से विदाई के बाद रक्सौल में वर-वधु श्री राम- सीता विवाह रथ यात्रा का दृश्य हर्षित कर देने वाला था।
सप्ताह रहा उत्सवी:यह बारात अयोध्या से 24 नवम्बर को चली और 29 नवम्बर को सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल के जनकपुर पहुची थी।वहीं,विवाह पंचमी पर 1 दिसम्बर को धनुष तोड़ने व स्वयम्बर के बाद विवाह के भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ । मंगलवार की संध्या जनकपुर से अयोध्या के लिए लौटती बारात के स्वागत में हजारो श्रद्धालु उमड़ पड़े।
अभिनन्दन:रक्सौल-बीरगंज मैत्री पुल होते बारात ज्योंहि इंडियन कस्टम एरिया पहुची।पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।नेपाल से आये विहिप नेताओं व बारात के अगुवा साधु संतों को दोशाला ओढाने के साथ फुल माला पहना कर स्वागत हुआ।इस कार्यक्रम में सीमा जागरण मंच,समाजिक संस्था सम्भावना संस्था,इंडो नेपाल चेम्बर ऑफ कॉमर्स, संस्था ,भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद ,राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ,बजरंग दल समेत विभिन्न संघ संस्थाओं के सैकडो कार्यकर्ताओं के द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
स्वागत से गद गद:जयघोष के बीच बाराती संतों ने यहां प्रसाद वितरण किया।अयोध्या से आए विहिप के केंद्रीय मंत्री व सन्त राजेन्द्र सिंह पंकज ने कहा कि मिथिला में हमारा ऐतिहासिक स्वागत हुआ।राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी से ले कर सर्वसमाज के लोग एक पैर पर खड़े रहे।भारत-नेपाल का सम्बंध त्रेतायुग से है।लेकिन जो आजादी चाहिए थी।वह नरेंद्र मोदी जी के पीएम बनने पर मिल रही है।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब जो राम मन्दिर बनेगा।वह दुनियां में उदाहरण होगा।इस पर काफी पहले से कम चल रहा है।केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट बनते ही निर्माण शुरू होगा।उन्होंने कहा कि फैसले के बाद नेपाल और भारत दोनों ओर फिजा बदल गई है।हम नेपाल में मिले आदर सत्कार व प्रेम से अभिभूत हैं।
बारात :इस बारात में समधी यानी जनक बने थे अयोध्या मन्दिर कमिटी से जुड़े सन्त कन्हैया दास ने कहा कि वे मिथिलानगरी में ऐतिहासिक स्वागत सत्कार से धन्य धन्य हो गए।श्री राम की भूमिका में विकास शुक्ला व सीता के रूप में रितेश मिश्रा थे।जिनका अभिनन्दन किया गया।इस बारात में रथ समेत दो दर्जन की संख्या में वाहनो पर करीब ढाई सौ सन्त महात्मा के काफिला के साथ सियाराम की झॉकी आर्कषण थी।बरात का कई जगहो पर स्वागत हुआ।
पांच वर्ष पर आती है बारात: अयोध्या से प्रत्येक 5 साल पर बारात जनकपुर जाती है।लेकिन इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनकपुर पहुचने के बाद रामायण सर्किट पर कार्य शुरु होने व सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने से कुछ ज्यादा ही उत्साह दिखा।
स्वागत में उमड़ा शहर:स्वागत समारोह की अगुवाई सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल,विश्व हिंदू परिषद नेपाल के सचिव जितेंद्र सिंह ,सम्भावना संस्था के अध्यक्ष भरत गुप्त,सह अध्यक्ष शिव पूजन प्रसाद,समाजसेवी जगदीश प्रसाद,शिव शंकर प्रसाद,इंडो नेपाल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता,भाजपा नगर अध्यक्ष कन्हैया सर्राफ,आरएसएस के प्रो0 राजकिशोर सिंह,भाजपा नेता कमलेश कुमार,पण्डित गणेश झा,कुणाल गुप्ता,राजेश तिवारी लाल बाबू चौधरी,साहेब यादव,लक्ष्मण यादव,लाल बाबू प्रसाद,प्रमोद गुप्ता,समेत बड़ी संख्या में उपस्थित गण मान्य ने साधु–संतो का फूलमाला पहना कर स्वागत किया।