राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत सरिसवा नदी को प्रदूषण मुक्त करने की पहल शुरू होने की संभावना!
रक्सौल।(vor desk )।सरिसवा नदी प्रदूषण मामले में रक्सौल में एसटीपी और ईटीपी लगाए जाने के संदर्भ में केंद्रीय जल आयोग के निदेशक एस के राजन ने रीवर मैनेजमेंट विंग को अपने स्तर से उचित कार्रवाई कर इस योजना को समयबद्ध तरीके से पूरा किये जाने का पत्र दिया है। साथ ही कहा है कि गंगा बेसिन का प्रदूषण उन्मूलन कार्य राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के अधीन है। इस कार्य के लिए क्या क्या मापदण्ड प्रस्तावित हैं उससे डा. स्वयंभू शलभ एवं आयोग को अवगत कराया जाय।
विदित है कि बीते 22 जुलाई को नमामी गंगे, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय (भारत सरकार) ने आफिस मेमोरेंडम जारी किया था जिसमें रक्सौल में एसटीपी और ईटीपी लगाए जाने के विषय में उच्च स्तरीय कार्यवाही के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 2011 में तैयार की गई सरिसवा नदी स्टडी रिपोर्ट एवं 2019 में की गई असेसमेंट रिपोर्ट मांगी गई थी।
एनएमसीजी के इस मेमोरेंडम में बताया गया था कि वीरगंज स्थित 48 उद्योगों द्वारा सरिसवा नदी प्रदूषित की जा रही है। वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट की कोई व्यवस्था नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 2011 में रक्सौल और वीरगंज से नदी के पानी का सैंपल लिया और कोलकाता लैब में जांच करायी। नेपाल के अंदर औद्योगिक और म्युनिसिपल वेस्ट वाटर डालकर इस नदी को प्रदूषित किया जा रहा है। इस मामले को नेपाल सरकार के समक्ष रखने की सिफारिश के साथ बोर्ड ने जांच की रिपोर्ट मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स को सौंपी थी।
डा. शलभ ने अपनी अपील में कहा था कि गंगा स्वच्छता अभियान तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक प्रदूषण के मूल स्रोत यानी सरिसवा नदी को शुद्ध न किया जाय।
हाल ही में दूरदर्शन बिहार के ‘बिहार बिहान’ कार्यक्रम में भी इस मामले पर डा. शलभ के साथ विस्तार से चर्चा की