-आरओबी नही बनने से रक्सौल में जाम की समस्या गम्भीर,रक्सौल का व्यापार हो रहा प्रभावित,आम लोग परेशान
-आरओबी का पूर्व रेल मंत्री लालू यादव ने वर्ष 2004 में किया था शिलान्यास,एनडीए सरकार में भी मामला लंबित
-पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ0 संजय जायसवाल संसद में उठा चुके हैं मामला, नही मिल स्का है बिहार सरकार से एनओसी
रक्सौल।( vor desk )।रक्सौल-बीरगंज सड़क पर प्रस्तावित रेल ओवरब्रिज का निर्माण कोई दो दशक बाद भी नही हो सका है।इससे व्यापारी,पर्यटक, स्कूली बच्चे और आम जन सभी परेशान हैं।इस बाबत लगातार पहल हुई, लेकिन,सुस्तचाल से मुक्ति नही मिल सकी है।
इसी बीच ,रक्सौल स्थित लेवल क्रासिंग संख्या 33 एवं 34 पर आरओबी निर्माण के संबंध में पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (बजट एवं योजना) हनुमान प्रसाद चौधरी ने कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल, मोतिहारी को पत्र देते हुए बताया है कि रेलवे द्वारा विषयांकित लेवल क्रासिंग के बदले आरओबी निर्माण हेतु 50:50 प्रतिशत कॉस्ट शेयरिंग पर राज्य सरकार की सहमति की अपेक्षा की गयी है।
इस क्रम में प्रासंगिक पत्र के माध्यम से कार्यपालक अभियंता,
पथ प्रमंडल, मोतिहारी द्वारा फिजिबिलिटी रिपोर्ट समर्पित कर दी गयी है।
निर्देशानुसार दोनों लेवल क्रासिंग संख्या 33 एवं 34 पर आरओबी के निर्माण हेतु प्राथमिकता के आधार पर किस लेवल क्रासिंग पर आरओबी का निर्माण ज्यादा जरूरी है। इस संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा गया है।
इस पत्र की प्रतिलिपि प्रबंध निदेशक बिहार राज्य पुल निर्माण निगम पटना को सूचनार्थ एवं प्राथमिकता निर्धारण हेतु अपने मन्तव्य के साथ प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु भेजी गई है।
इसकी जानकारी सोशल एक्टिविस्ट डा. स्वयंभू शलभ ने आरसीडी के पत्र के हवाले से दी। रक्सौल में प्रस्तावित ओवरब्रिज के निर्माण के लिए प्रयत्नशील रहे डा. शलभ यहां की जाम की समस्या और लंबे समय तक रेलवे गेट बंद रहने से हो रही लोगों की परेशानी की ओर पीएमओ एवं मुख्यमंत्री का लगातार ध्यानाकर्षण कराते रहे हैं। इस मामले में उनके द्वारा प्रेषित पत्र को मुख्यमंत्री ने गत 14 अगस्त 2016, 17 जुलाई 2017, 17 जनवरी 2018, 16 मार्च 2018, 23 नवंबर 2018, 26 नवंबर 2018, 19 जून 2019 एवं 29 अगस्त 2019 को पथ निर्माण विभाग को, 23 नवंबर 2018 को गृह सचिव को तथा 4 सितंबर 2018 को कैबिनेट सचिव को अग्रेषित किया था।
बता दे कि विगत माह इस समस्या को ले कर बीजेपी के मुख्य सचेतक सह पश्चिम चंपारण संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ0 संजय जायसवाल ने इस मुद्दे को लोक सभा में उठाया था।और बिहार सरकार से एनओसी नही मिलने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए आवंटन भी कर दिया है।सांसद ने कहा था कि रक्सौल में 26 घण्टे गुमटी बन्द रहती है।जबकि, इसका सड़क का जुड़ाव नेपाल की राजधानी काठमांडू से है।उन्होंने रेलवे से इस बाबत विशेष पहल के जरिये समस्या समाधान की मांग भी रखी थी।इसके बाद भी समाधान नही होने पर स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने आमरण अनशन भी किया।बावजूद प्रगति नही हुई।कांग्रेस नेता राम बाबू यादव का आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकार में एनडीए सरकार है।बावजूद रक्सौल की उपेक्षा हो रही है।आरओबी के लिए लोगों को तरसना पड़ रहा है।इससे रक्सौल का विकास व व्यापार अवरुद्ध है।
गौरतलब है कि रक्सौल मुख्यपथ पर से सांसद डॉ0 संजय की पहल से लाइट ओवर ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ। दिसम्बर 2019 तक इसके निर्माण का लक्ष्य है।इसके बाद से यह अटकलें जारी है कि रेलवे रेलवे क्रॉसिंग को लॉक कर देगी।वहीं,रेल ओवरब्रिज का निर्माण अब सपना की तरह दिखने लगी है।इसको ले कर चर्चा और अटकलें तेज हैं।
Our M.P. Saheb ,Mr. Sanjay Jaiswal ji ,has got good opportunity of being appointed as state president of Bihar. Now he has no excuse . He should get NOC from Bihar Govt.