● रक्सौल में ईटीपी स्थापना के लिए नगर परिषद द्वारा नगर विकास एवं आवास विभाग को अलग से प्रतिवेदन भेजने का सुझाव
● डॉ. शलभ ने नगर परिषद के ईओ से मिलकर नगर की स्वच्छता व सौंदर्यीकरण हेतु सौंपा प्रतिवेदन
रक्सौल।(vor desk)।रक्सौल नगर परिषद के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर डॉ. स्वयंभू शलभ ने आज नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. मनीष कुमार से मिलकर नगर की प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की और उनके समाधान को लेकर प्रतिवेदन सौंपा। डॉ. कुमार ने प्रतिवेदन के सभी विंदुओं को नगर परिषद बोर्ड के समक्ष रखने और उनके कार्यान्वयन हेतु आवश्यक कदम उठाने की बात कही।
प्रतिवेदन में डॉ. शलभ ने विंदुवार बताया है कि नवनिर्मित मुख्य सड़क के मध्य स्थित डिवाइडर के बीच प्लांटेशन किये जाने की आवश्यकता है ताकि मुख्य मार्ग क्लीन और ग्रीन दिखे। मुख्य मार्ग पर जगह जगह पर कचरा पेटी रखा जाना आवश्यक है ताकि लोग यत्र तत्र कचरा न फेंके।
मुख्य सड़क पर नवनिर्मित नाले में बनाये गए वीप होल सड़क निर्माण एजेंसी द्वारा ठीक से ओपेन नहीं किये गए जिसके कारण बारिश के समय सड़क का पानी नाले में ठीक से नहीं जा रहा और सड़क पर जलजमाव हो रहा है। अधिकांश जगहों पर नाले के वीप होल्स मिट्टी या कचरे से बंद हो गए हैं। नगर परिषद द्वारा बंद पड़े बीप होल्स को खोलना आवश्यक है।
सड़क विभाग द्वारा सड़क और नाले के बीच लगाया गया पेबर ब्लॉक कई स्थानों पर उधड़ रहा है। विभाग को संज्ञान में देकर उनकी मरम्मत कराया जाना आवश्यक है।
जल जमाव की समस्या के समाधान के लिए नागा रोड से गुजरने वाला नाला जिससे मुख्य सड़क समेत नगर क्षेत्र का सबसे अधिक पानी निकलता है उसकी नियमित रूप से उड़ाही कराया जाना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त दो अन्य बड़े नाले जिनके द्वारा मुख्य सड़क का पानी नदी में जाता है उनकी समयबद्ध उड़ाही कराया जाना आवश्यक है।
रेलवे क्रासिंग गेट के समीप सरिसवा नदी किनारे स्थित फुटओवर ब्रिज के आसपास पड़े कचरे को हटाना आवश्यक है। यह कचरा नदी को भी प्रदूषित कर रहा है।
नगर में ई रिक्शा, ऑटो और बाइक की संख्या बेतहासा बढ़ने और उनके लिए समुचित पार्किंग स्थल नहीं होने के कारण अक्सर मुख्य मार्ग पर जाम की स्थिति पैदा होती है। ई रिक्शा, ऑटो और बाइक की पार्किंग के लिए अनुमंडल प्रशासन के सहयोग से स्थल का चयन कर पार्किंग स्थल का निर्माण करना आवश्यक है।
नगर क्षेत्र के अंदर चिह्नित स्थलों पर पुरुष और महिला शौचालय का निर्माण आवश्यक है।
मेन रोड पर स्थित सूखे हुए ताड़ के पेड़ों को हटवाने और आवारा पशुओं के नगर क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगाने जैसे कार्य को भी नगर परिषद को अपनी कार्ययोजना में सम्मिलित करना चाहिए।
नगर में स्थित मोक्षधाम की दशा सुधार करना भी अति आवश्यक है। मार्ग अवरुद्ध होने के कारण लोगों को स्थल तक पहुंचने में कठिनाई होती है। मोक्षधाम के संचालन और देखभाल की व्यवस्था को भी दुरुस्त किये जाने की आवश्यकता है।
नगर परिषद क्षेत्र से होकर गुजरनेवाली सरिसवा नदी नेपाल से हैवी मेटल्स और अन्य जहरीले पदार्थों का भार लेकर आती है। इस नदी को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए यहाँ एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने की आवश्यकता है। पूर्व में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पीएचईडी द्वारा पानी की जाँच भी करायी जा चुकी है। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा और सेंट्रल वाटर कमीशन द्वारा रक्सौल में ईटीपी लगाए जाने का अनुमोदन भी किया जा चुका है। ईटीपी स्थापना के लिए नगर परिषद द्वारा विभाग को अलग से प्रतिवेदन भेजने की आवश्यकता है।
डॉ. शलभ ने आगे कहा कि भारत नेपाल सीमा पर स्थित इस सीमाई शहर रक्सौल के सर्वांगीण विकास की अपार संभावनाएं हैं। रक्सौल और सीमा के उस पार स्थित वीरगंज, दोनों शहरों को ट्विन सिटी के रूप में विकसित किये जाने की आवश्यकता है। इन संभावनाओं को मूर्त रूप देने में दोनों देश की सरकारों, नगर निकायों और जन प्रतिनिधियों को प्रमुख भूमिका निभाने की आवश्यकता है। बताया कि इस साझा प्रयास से न केवल भारत नेपाल सीमा क्षेत्र का गौरव बढ़ेगा बल्कि दोनों देश के लोगों के बीच पारस्परिक संबंध भी प्रगाढ़ होंगे। वीरगंज महानगरपालिका द्वारा इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। रक्सौल नगर परिषद द्वारा भी इस दिशा में पहल किये जाने की आवश्यकता है।