रामगढ़वा।(vor desk )।कहा गया है कि प्रतिभा किसी परिचय के मोहताज नहीं है। सुप्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की भांति बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में उभरता हुआ एक नाम हैं- मधुरेन्द्र कुमार। मृदुभाषी और साथ ही अल्पभाषी इस कलाकार की रेत से निर्मित कलाकृतियां उनका परिचय दे रही हैं। आपने भले उनको न देखा हो , पर उनकी कलाकृतियों को अखबारों में और टेलीविजन के पर्दे पर जरूर देखा होंगा। सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने सोमवार को रामगढ़वा प्रखंड के सकरार गांव में सुरेश पंडित के दरवाजे पर रखें बालू पर भारत के दो पूर्व वित्तमंत्री स्व.अरुण जेटली का अद्भुत तस्वीर बनायीं हैं। उन्होंने अपनी कलाकृति के जरिये भाजपा के संकट मोचन कहे जाने वाले जेटली को सच्ची व अश्रुपूर्ण श्रंद्धाजलि दी हैं। जिसे देखने के लिए भारी संख्या में गांव के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। और ग्रामीणों ने मधुरेन्द्र कि कला की प्रशंशा करते अपनी मोबाइल फोन में सेल्फी भी ले रहें हैं।
मधुरेन्द्र ने बताया कि देश में ऐसे महान सुझबुझ और ईमानदार नेता की असमायिक निधन से पूरे देश को अपूर्णीय छति हुई हैं।
बता दे कि सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र को उनके दोस्त ई.अरुण कुमार पंडित के विशेष आग्रह कर बुलाने पर यह कलाकृति बनायीं हैं। यह यह आकर्षण का केंद्र बनी हैं।
मौके पर जिला पत्रकार परिषद के अध्यक्ष ध्रुव नारायण कुशवाहा, आंगनवाड़ी सेविका सुधा कुमारी, प्रसिद्ध संगीतकार संजय दास, सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र पंडित, शिक्षक धर्मेंद्र पासवान, सुरेंद्र पंडित, दिनेश पंडित, राजमन पंडित, भीखम पासवान सहित हजारों लोगों ने बालू बनी अरुण जेटली की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर श्रंद्धाजलि अर्पित की।