रक्सौल।( vor desk )।दायरे में किसी महापुरुष को नही बंधा जा सकता,क्योंकि विद्वान सर्वत्र पूजे जाते है,जिनके आदर्शो व विचारों को आत्मसात करके सामाजिक विषमता को खत्म किया जा सकता है।इस कड़ी में अग्रणी संविधान निर्माता सिंबल ऑफ नॉलेज भारतरत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर देश की एकता व अखंडता के लिए आजीवन संघर्षरत रहे।उक्त बातें अम्बेडकर ज्ञान मंच ,रक्सौल के संस्थापक मुनेश राम ने बुधवार को रक्सौल के कोइरी टोला स्थित अम्बेडकर चौक पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद कही।उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने दुनियां के नायाब भारतीय संविधान की रचना कर भारत जैसे विविधताओं भरे देश को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया,जिन्होंने समता, स्वतंत्रता, न्याय-बन्धुता पर आधारित लोकतांत्रिक देश में सबको समान अवसर सुलभ कराया।
नेपाल दलित-आदिवासी संघ,बारा के अध्यक्ष एडवोकेट प्रेमशंकर राम हजारी ने बाबा साहेब के विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे भारत ही नही अपितु विश्व के सिंबल ऑफ नॉलेज थे,जिन्हें दुनियां विद्वानों में अग्रणी मानती है।अगर उनके बताए गए मार्ग पर भारतीय राजनेता चले होते तो भारत का विभाजन नही होता और पाकिस्तान-बांग्लादेश नामक देश नही होते।उन्होंने सर्वहारा वर्ग के लिए शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ने का अवसर दिया।मंच के संरक्षक राजेन्द्र राम ने कहा कि बाबा साहेब ने मजदूरों व महिलाओं के हक के लिए जो कानून दिया उसके तहत सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर मिलता है।ग्रामीण बैंक के आरएम महेंद्र ठाकुर ने कहा कि बाबा साहेब ने जिस संविधान की बदौलत भारत रूपी बगिया के फूलों को सजा कर गुलदस्ते का रूप दिया है उसे बरकरार रखना हमारी प्राथमिकता होने चाहिए।उनके द्वारा दिया गया अमूल्य धरोहर भारतीय संविधान ने देश के आम अवाम के अधिकारों को अक्षुण्ण रखने का कार्य किया है।जो हमारे लिए गौरव की बात है।भाग्य नारायण साह ने कहा कि हमारे मुक्तिदाता बाबा साहेब ने संवैधानिक अधिकारों के तहत हमें जीवन जीने का अधिकार दिया।
उनके बताए गए मार्गो का अनुशरण करके ही हम सामाजिक कुरीतियों को खत्म कर सकते है।मंच के सदस्य ताराचंद राम ने कहा कि हम बाबा साहेब की जयंती को गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी अम्बेडकर ज्ञान मंच,रक्सौल के आह्वान पर घर-घर दीप-दानोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है और बहुजन समाज के साथ ही सर्वजन समाज के लोग भी अपने संविधान निर्माता बाबा साहेब की जयंती के मौके पर उनके 22 संकल्पों के दीये/मोमबत्तियां जलाकर संविधान को अक्षुण्ण रखने का संकल्प लेंगे और संविधान की प्रस्तावना का वचन किया जाना है।बारी-बारी से सकलदेव राम,राजेन्द्र राम,ताराचंद राम,प्रेमशंकर राम हजारी,विक्रांत पासवान,जगन राम,शाहजहां अंसारी,चन्दकिशोर पाल,भाग्य नारायण साह,विजय कुमार पासवान,राहुल कुमार,अच्छेलाल पासवान,रामबन्धु राम,सोहन राम,विरकेश पासवान, संजीव कुमार,शिवसागर राम,तेज नारायण राम,सज्जन पासवान, प्रफुलचन्द्र कुमार,हृदेश चौरसिया,सुरेंद्र र,ध्रुवनारायण राम,प्रदीप कुमार रजक,कमोद राम,राजेश राम,वीरबहादुर राम आदि ने सरकारी गाइडलाइन के अनुसार उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण सह पुष्पार्चन किया।दूसरे चरण में मंच के सदस्य अनुमंडल क्षेत्र के रक्सौल, आदापुर,रामगढ़वा, छौड़ादानों सहित पश्चिमी चम्पारण के सिकटा-मैनाटांड़ प्रखण्ड क्षेत्रों में भी शाम साढ़े सात बजे दीप-दानोत्सव सह संविधान के प्रस्तावना का वाचन करेंगे।