रक्सौल।( vor desk )।जिस देश में स्त्री व शुद्र पाप योनि से उत्पन्न माने जाते हो और उन्हें समाज के सबसे निचले दर्जे में भी अछूत की श्रेणी प्राप्त हो तथा उसे धार्मिक व सामाजिक तौर पर इस कुरीतियों को मान्यता प्राप्त हो।वैसे माहौल में एक अविवाहित लड़की इस देश की शक्तिशाली महिला बनने का गौरव हासिल करें,यह उस महान भारतीय संविधान का ही देन है,जिसकी रचना बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी ने किया है।उक्त बातें अम्बेडकर ज्ञान मंच,रक्सौल के संस्थापक मुनेश राम ने शुक्रवार को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सह यूपी की पूर्व सीएम मायावती के जन्मदिन के मौके पर एक बधाई संदेश में कहा।श्रीराम ने बताया कि इतने बड़े मुकाम हासिल करना,वह भी मनुवाद के प्रचंड वेगों को झेलकर आसान नही है।कुछ लोग तो उनकी कामयाबी को लगता है..बस,चुटकियों में ही हासिल कर लेंगे,आक्षेप करते है।
बहन सुश्री मायावती जी ने जिस माहौल में अपने संघर्षो की बदौलत मान्यवर साहेब के नक्शेकदम पर चलकर यह रुतबा हासिल किया,यह अपने आप में एक विश्वस्तरीय कीर्तिमान है।उन्होंने कहा कि कभी ब्राह्मणवादी समाज में यह कहावत भी प्रचलित था कि एक दलित की बेटी राजरानी नही बन सकती,इस मिथक को धता बताते हुए वे (जाटव समाज,अनुसूचित जाति)वर्ग से राजरानी तो नही लेकिन मनुवाद के सबसे पोषक व भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश की शासिका बनी और एक बार नही बल्कि चार बार।इसके लिए संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को धन्यवाद देते हुए कहा कि धन्य है बाबा साहेब और उनका रचित संविधान, जिसने ऐसी वीरांगना को आयरन लेडी बनाने में महती भूमिका निभाई।इसके लिए उन्होंने बहुजन समाज का आह्वान करते हुए कहा कि इस समाज की बेटियों को बहनजी से प्रेरणा लेकर आसमान के तारों को भी छूने का जज्बा पैदा करने की जरूरत है।
इस उपलब्धियों के लिए बाबा साहेब का धन्यवाद करते हुए बहनजी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दिया गया।