रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल अनुमंडल जेपी सेनानी संघ के तत्वावधान में मौजे स्थित भरत प्रसाद गुप्ता के आवास पर रविवार को आयोजित समारोह में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष भरत प्रसाद गुप्ता ने की।
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जेपी सेनानी व रक्सौल नगर परिषद के पूर्व उप सभापति प्रमोद सिंह ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारी भूमिका का निर्वहन किया था। गांधी के त्यागमय जीवन का गहरा असर जेपी के जीवन चरित्र पर पड़ा था। आजादी के बाद 70 के दशक में जब लोकतंत्र पर संकट के बादल मंडराए, तब जेपी ने छात्रों के आंदोलन के माध्यम से लोकतंत्र की रक्षा हेतु अभियान चलाया। देश से कांग्रेस की सल्तनत का खात्मा हुआ और जनता पार्टी की सरकार बनी। लेकिन ,अफसोस कि जेपी के संपूर्ण क्रांति का सपना आज भी अधूरा है।इस अधूरे सपने को पूर्ण करने के लिए युवाओं को आगे आने की जरूरत है।वहीं,जेपी सेनानी संघ के अध्यक्ष भरत प्रसाद गुप्ता ने कहा कि जेपी से नेपाली क्रांतिकारियों के गहरे रिश्ते रहे।उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण क्रांति यदि अधूरी है।तो उसके जिम्मेवार भटके हुए जेपी सेनानी ही हैं।आज के समय मे जेपी के आदर्शों को आत्मसात करने और राष्ट्र को सही दिशा में ले जाने के लिए उनकी नीतियों का अनुसरण आवश्यक है।उन्होंने कहा कि यह दुःखद है कि जेपी सेनानियो को अधिकार के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है।जो जेपी सेनानी जेल नही गए।उन्हें शासन प्रशासन उचित सम्मान नही दे सकी।
जबकि ,केशव प्रसाद,प्रभात चन्द्र प्रसाद,अम्बिका पटेल,अन्य वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि देश जेपी को भूल नही सकता।जेपी लोकतन्त्र व समाजवाद के सच्चे समर्थक थे ।
इन लोगों ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जी ने जनप्रतिनिधियों पर अंकुश रखने के लिए ही प्रतिनिधि वापसी का अधिकार संविधान में शामिल करने को कहा था आज यह उपयुक्त समय है क्योंकि केंद्र और राज्य में जेपी के अनुयायियों की सरकार है इसे लाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जा सकती है ।इस मौके पर जेपी सम्मान पेंशन योजना के गजट में सामान्य श्रेणी के बंदियों एवं मृतक सेनानियों के विधवाओं को शामिल करने तथा जेपी के जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग बिहार सरकार से की गई ।
समारोह का संचालन जेपी सेनानी प्रमोद कुमार सिंह ने किया।इस समारोह को मुख्य रूप से ,त्रेतानाथ तिवारी,रामचन्द्र पासवान,राम अवध सिंह,राम बालक महतो,विद्यासागर प्रसाद ,सुरेन्द्र नाथ तिवारी ,प्रभु नाथ प्रसाद, चिंता देवी,,बिंदु देवी,उर्मिला देवी सहित अन्य गण्य मान्य व जेपी सेनानियों व उनके परिजनों ने भी संबोधित किया।
( रिपोर्ट:राकेश कुमार )