रक्सौल।(vor desk )।कृमि मुक्ति की दवा का दुष्प्रभाव बहुत कम है, लेकिन जिन बच्चों में कृमि की मात्रा ज्यादा होती है, वे उनींदापन, पेट दर्द, दस्त, डायरिया और थकान का अनुभव कर सकते हैं।इसलीए एडबेंडाजोल की गोली लेना जरूरी है।उक्त बातें रक्सौल पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ0 एसके सिंह ने राष्ट्रीय कृमि दिवस व सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का शुभारंभ करते हुए कही।
उन्होंने बताया कि 16 से 29 सितंबर तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान चलाकर एक वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली दी जाएगी। अभियान प्रत्येक वर्ष विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र के सहयोग से चलाया जाता था, जिसमें एक से 19 साल तक के बच्चे, किशोर किशोरियों को एल्बेंडाजोल की गोली दी जाती थी। इस वर्ष लॉकडाउन के कारण जिले के सरकारी एवं गैर सरकारी सभी स्तर के विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र बंद है, ऐसे अवस्था में स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह अभियान डोर टू डोर चलाया जाएगा। जिसमें गांव की सहिया द्वारा अपने पोषक क्षेत्र के गांव में पहुंचकर बच्चे और किशोर किशोरियों को एल्बेंडाजोल की गोली उपलब्ध कराएंगे।
वहीं,उन्होंने इस मौके पर डेमो प्रदर्शन के जरिये डायरिया के लक्षण व बचाव पर प्रकाश डालते हुए अभिभावकों को जागरूक किया और उन्हें ओआरएस का पैकेट दिया।उन्होंने कहा कि बच्चों में डायरिया होने के बाद उनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है और बच्चे सुख जाते हैं।इसलिए निर्जलीकरण से बचाने के लिए उन्हें ओआरएस और जिंक का घोल देना जरूरी है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि मातृ शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। मौके पर डॉ राजीव रंजन, डॉ. अमित जायसवाल, डॉ. अजय कुमार, डॉ. सेराज अहमद,डॉ प्रकाश कुमार मिश्रा, बीएचएम आशीष कुमार, यूनिसेफ के बीएमसी अनिल कुमार, केयर के मैनेजर प्रियरंजन कुमार, रणजीत कुमार,आशुतोष कुमार,एम एन ई जयप्रकाश, जीएनएम सपना राज व नीतीश भारती, एएनएम रीता श्रीवास्तव व मीना कुमारी आदि उपस्थित थे।