Sunday, November 24

इंटरनेशनल टूरिज्म व कनेक्टिविटी को विकसित करने हेतु रक्सौल एयरपोर्ट को चालू करने की उठी मांग!

  • पीएमओ समेत नागरिक उड्डयन मंत्रालय एवं एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया से की गई अपील

रक्सौल।(vor desk)। वर्षों से बंद पड़े रक्सौल एयरपोर्ट को चालू किये जाने की अपील को बीते 1 सितंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा कैबिनेट सेक्रेटरी एवं पार्लियामेंट अफेयर्स के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को अग्रसित किया गया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपीलकर्ता डॉ. स्वयंभू शलभ को मेल के जरिये दी है।


इस विषय में विशेष जानकारी देते हुए डॉ. शलभ ने बताया कि इस विषय को पीएमओ समेत नागरिक उड्डयन मंत्रालय एवं एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के संज्ञान में भी लाया गया है।


भेजे गए प्रस्ताव में डॉ. शलभ ने बताया है कि भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल एयरपोर्ट विगत पांच दशकों से अपने उद्धार की बाट जोह रहा है। बुनियादी संरचना, प्रशस्त भूमि और छोटे बड़े सभी प्रकार के विमानों के उतरने के लिए हवाई पट्टी मौजूद होने के बावजूद इसे संचालित करने का निर्णय नहीं लिया जा सका।
1960 में इस एयरपोर्ट की नींव रखी गई थी। भारत चीन युद्ध के पहले 1962 में यहां से हवाई सेवा की शुरुआत भागलपुर और मुजफ्फरपुर के लिए की गई थी। 1970 में इस सेवा को बंद कर दिया गया। बाद के वर्षों में केंद्र सरकार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय या एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा इस एयरपोर्ट को चालू करने और आम लोगों के लिए हवाई सेवा को बहाल करने की दिशा में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। जिस एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में विकसित होना चाहिए था वह उपेक्षित और बदहाल पड़ा रहा।


बंद पड़े इस एयरपोर्ट क्षेत्र में आज एसएसबी का मुख्यालय कायम है। रनवे पर स्थानीय लोग धान और पुआल रखते हैं। इसका खुला मैदान मवेशियों का सर्वसुलभ चारागाह है। नववर्ष पर यह स्थल स्थानीय लोगों के लिए पिकनिक स्पॉट बन जाता है।


अंतरराष्ट्रीय महत्व के इस शहर में डोमेस्टिक और इंटरनेशनल दोनों सर्विस की आवश्यकता है ताकि इस क्षेत्र के विकास को गति मिल सके। विदेशी सैलानियों के साथ साथ भारत और नेपाल के लोगों के लिए भी देश विदेश की हवाई यात्रा सुगम हो सके।
डॉ. शलभ ने आगे लिखा है कि भारत- नेपाल सीमा का प्रमुख प्रवेश द्वार होने के कारण नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले पर्यटक पहली बार यहीं भारत दर्शन करते हैं। इस नाते भी यहां एक समृद्ध एयरपोर्ट का होना जरूरी है। बिहार में कई दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं लेकिन पटना के अतिरिक्त कहीं भी नियमित एयरपोर्ट चालू नहीं होने के कारण ये स्थल न तो विदेशी पर्यटकों के फोकस में आ पाते हैं न ही यहां टूरिज्म इंडस्ट्री विकसित हो पाती है। देश के विकास की पॉलिसी बनाते समय सरकार को इन बातों पर अवश्य विचार करना चाहिए।


दिल्ली और काठमांडू को जोड़ने वाले लाइफलाइन पर स्थित रक्सौल एयरपोर्ट को संचालित करने से देश दुनिया के साथ इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ेगी और यहां इंटरनेशनल टूरिज्म विकसित होगा। इस क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। उद्योग एवं व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। नए रोजगार सृजित होंगे। इस सीमा क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।

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