रक्सौल।( Vor desk )।गत गुरुवार को त्रिभुवन विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में कार्यरत भारतीय प्राध्यापकों की रिटायरमेंट संबंधी सुविधाओं के संबंध में काठमांडू स्थित भारतीय राजदूतावास के एजुकेशन सेक्रेटरी श्री सी. पी. सिंह ने प्रो. डा. स्वयंभू शलभ के साथ बातचीत की।
श्री सिंह ने कहा कि वे इस विषय को नेपाल सरकार एवं त्रिभुवन विश्वविद्यालय के समक्ष रखेंगे। साथ ही वीरगंज के कांसलेट जेनेरल भी भारतीय प्राध्यापकों के इस मामले में पहल करेंगे।
डा. शलभ ने भारतीय प्राध्यापकों की सेवा एवं रिटायरमेंट संबंधी सुविधाओं के संबंध में पीएमओ में अपील दर्ज की थी जिसके आलोक में एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री द्वारा यह कदम उठाया गया है।
डा. शलभ ने बताया कि त्रिभुवन विश्वविद्यालय के अंतर्गत नेपाल अधिराज्य के विभिन्न कॉलेजों में करीब 90 की संख्या में भारतीय प्राध्यापक 25 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं लेकिन अभी तक उनकी सेवानिवृत्ति संबंधी सुविधाओं पर विश्वविद्यालय एवं नेपाल सरकार द्वारा सम्मानजनक निर्णय नहीं लिया गया है। सेवानिवृति की समुचित सुविधा पाये बिना कई प्राध्यापक अवकाश प्राप्त कर चुके हैं और कई सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं। पूरे सेवाकाल में उन्हें न तो पीएफ की सुविधा मिली न ही अध्ययन अवकाश दिया गया।
नेपाल के उच्च शिक्षा के विकास में जीवन समर्पित कर देने वाले भारतीय शिक्षकों के रिटायरमेंट संबंधी सुविधाओं के संबंध में विश्वविद्यालय एवं नेपाल सरकार को उदारतापूर्वक विचार करना चाहिए।
डा. शलभ ने कहा कि पूर्व में भारतीय प्राध्यापकों को पेंशन समेत सेवानिवृत्ति की अन्य सुविधाएं दी जाती थी लेकिन हाल के वर्षों में विश्वविद्यालय ने भारतीय प्राध्यापकों के लिए पेंशन सुविधा हटाकर
सेवावर्ष के गुणक में एकमुश्त राशि निर्धारित कर दी जो सम्मानजनक नहीं है।
इन शर्तों में संशोधन किये जाने हेतु डा. शलभ ने एक प्रस्ताव श्री सिंह को सौपा।