रक्सौल।( vor desk )।शनिवार को भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ रक्सौल इकाई की एक विशेष बैठक शहर के सवेरा गली स्थित चित्रलेखा प्रतिष्ठान में हुई ।बैठक में प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों के बीच यह चर्चा हुई कि कोरोना के फैलते संक्रमण के कारण सरकार के द्वारा समय-समय पर लिये लगातार सम्पूर्ण व आंशिक छूट के साथ लिए गये लॉकडाउन के कारण सभी वर्गों के लोगों की आर्थिक हालत चरमरा गयी है ।
प्रकोष्ठ के सहसंयोजक शिवपूजन प्रसाद ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि बिहार जैसे राज्य की अर्थव्यवस्था खेती-बाड़ी एवं व्यवसाय पर आधारित है । मार्च में सरकार द्वारा सम्पूर्ण लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा मार विधुत उपभोक्ताओं पर भी पडी़ है ।बेरोजगारी की स्थिति भी काफी भयावह है।मार्च 2021 तक शुभ लग्न नहीं होने के कारण शादी-विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्यों में विराम लगने के कारण अर्थव्यवस्था को और भारी नुकसान होना लाजिमी है।
अभी ज्यादातर लोग सरकारी सहयोग और संचित रकम से अपना न्यूनतम खर्च चलाते आये हैं।मरणासन्न व्यवसाय से जूझ रहे व्यापारियों की हालत और हालात से शासन और प्रशासन भी भलीभांति वाकिफ हैं।नेपाल बॉर्डर से सटे सभी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों एवं कारोबारियों की तो आर्थिक स्थिति और भी दयनीय है।
कोरोना और बाढ़ के कारण उत्पन्न इस विपदा काल में बिजली की इतनी ऊँची दर व अतिरिक्त चार्ज पर बिजली देना कतई उचित नहीं प्रतीत होता है। आम विधुत उपभोक्ताओं की दयनीय स्थिति को देखते हुए सरकार द्वारा अप्रैल और मई माह के फिक्स्ड चार्ज को मात्र माफ करना ही काफी नहीं है।
व्यापारियों एवं आम विधुत उपभोक्ताओं के लिए इस असहाय काल में प्रकोष्ठ की माँग है कि सरकार बिजली दर को सस्ते दर पर बिजली बेच रहे अन्य राज्यों के तुलना में सस्ती की जाए। बिजली बिल में लग रहे अतिरिक्त शुल्क को हटाया जाए। कोरोना से प्रभावित आम लोगों को राहत देने के लिए घरेलू,कमर्शियल और औद्योगिक कनेक्शन में 01अप्रैल 2020 से 31मार्च 2021 तक बिजली बिल का 75% माफ किया जाए।
प्रकोष्ठ के मीडिया प्रभारी सह सचिव
शम्भु प्रसाद चौरसिया ने कहा कि हमे उम्मीद है कि बिहार के जनमानस को ध्यान में हुए सरकार निश्चित रूप से सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी ।
इस मौके पर प्रकोष्ठ के आलोक कुमार श्रीवास्तव , शम्भू प्रसाद चौरसिया, अन्नू शर्मा, हेमन्त अग्रवाल , राजू कुमार , रजनीश प्रियदर्शी , रामजी प्रसाद आदि उपस्थित रहे ।