रक्सौल/आदापुर।( vor desk )।स्थानीय बीआरसी परिसर में नियोजित शिक्षकों ने सरकार द्वारा जारी नई सेवा शर्त की नियमावली की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।इस मौके पर शिक्षको ने बिहार सरकार की जमकर बखिया उधेड़ते हुए कहा कि उन्हें यह नियमावली कतई मंजूर नही है।हड़ताली शिक्षकों से हड़ताल समाप्त करने के दौरान सरकार ने वादा किया था की सामान्य स्थिति होने पर संघ से वार्ता कर मांगों के सन्दर्भ में न्यायोचित कदम उठाया जाएगा।उसे नजरअंदाज करते हुए सूबे की नीतीश सरकार ने कथनी को करनी में बदलने में असफल रही है।
नई सेवा शर्त नियमावली में पुरुष शिक्षकों के लिए म्यूचुअल स्थानांतरण का होना काफ़ी मुश्किल है।तीन सौ दिन ईएल के बदले 120 दिन ,एमएसीपी के लाभ से वंचित करना, सेवा निरन्तरता में वरीयता का लाभ नहीं देना तथा भूतलक्षी प्रभाव से बढ़ोतरी राशि नही देकर भविष्य में देने का वायदा करना , अस्पष्ट प्रमोशन नीति , अनुकंपा में असमानता , सुप्रीम कोर्ट में बीस फीसदी वेतन वृद्धि का हलफ़नामा देने के बावजूद सिर्फ़ 15 फीसदी वेतन वृद्धि देने का वादा करना जैसे अन्य विसंगतिपूर्ण नियमावली शिक्षकों के साथ छलावा है।जिला संवर्ग के शिक्षकों की तरह सेवा शर्त एवं वेतन देने की जरूरत है।शिक्षकों ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि जिस प्रकार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी के सभी फ़ैसले को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बदल दिया। उसी प्रकार अगली सरकार इस निर्णय को नही बदलेगी,क्या गारंटी है।
मौके पर संगठन सचिव संतोष कुमार कुशवाहा, मनीष कुमार मंजर हुसैन,अजय कुमार यादव,मीनू सिंह एवं अन्य शिक्षक गण मौजूद रहे।
वहीं,आदापुर में हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व शिक्षक नुरुल्लाह मियां ने की।
मौके पर संघ के जिला उपाध्यक्ष संजीव चौबे,सिकंदर आजम,प्रभु पासवान,गर्भू पासवान,जबुल्लाह,सुरेश राम, सलाउदीन,रणविजय राज,मनोज कुमार, नौशाद आलम,शौकत अली, फैयाज आजम,नंदकिशोर प्रसाद, विनोद कुमार सिंह,म. नुरुल होदा, सुरेंद्र संजीवकुमार, अरविद पाल, रमेश कुमार, आलोक कुमार सिंह,महेंद्र राम, सुमन जी,सोनालाल प्रसाद, संजीव कुमार, राकेश कुमार आदि उपस्थित थे।