रक्सौल।( vor desk )।जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर देशभर के 300 से अधिक जिला मुख्यालय पर प्रधानमंत्री, भारत सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा गया।इसी कड़ी में समाजिक कार्यकर्ताओं ने रक्सौल अनुमंडल कार्यालय में भी ज्ञापन सौंपा।
फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने बताया कि देश में लगातार बढ़ती आबादी और इस विस्फोटक रूप के कारण विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे भारत को इस दिशा में पहल की जरूरत है।इसीलिए “जनसंख्या समाधान फाउंडेशन” पिछले 7 वर्षों से शांतिपूर्ण तरीके से कई राज्य समेत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार धरना प्रदर्शन, पदयात्रा, जागरुकता रैली,व सरकार को ज्ञापन, सांसद संवाद तथा सार्वजनिक सभा के माध्यम से आवाज उठाई जा रही है।
सरकार के समक्ष मांग रखी गई है कि देश में “सभी नागरिकों के लिए अधिकतम दो बच्चों का कानून” बना कर लागू की जाए।उस विषय मे 9 अगस्त, 2018 को भारत के राष्ट्रपति से संस्था व 125 सांसदों के संयुक्त प्रतिनिधित्व ने भेट करके उन्हें कानून बनाने की प्रक्रिया आरम्भ करने का अनुरोध किया।
उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताजनों ने बताया कि देश मे विश्व के कुल भूमि के 2.4% भूमि पर विश्व की 17.74 % जनसंख्या निवास करती है जो भयावह स्थिति है। सारे समस्याओं के जड़ में जनसंख्या असंतुलन ही है। फाउंडेशन द्वारा अखिल भारतीय प्रवास के अंतर्गत 22 दिसंबर को राजस्थान के जयपुर से आरम्भ कर हरियाणा दिल्ली उत्तराखंड उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश बिहार झारखंड उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के अनेक जिलों में 20 मार्च 2020 तक हुई “जनसंख्या कानून सभाओं” के परिणाम स्वरूप जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर देशभर में सकारात्मक वातावरण का निर्माण हुआ है।
कहा गया है कि देश के कोरोना वायरस से उबरने के पश्चात जनसंख्या कानूनी यात्रा पुनः प्रारंभ होगी तथा देश के सभी राज्यों के लोगों को जनसंख्या विस्फोट के प्रति जागरूक करने संबंधी आंदोलन से जोड़ा जाएगा।
इस क्रम में रक्सौल स्थित अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में सुबोध कुमार साह, अंकित कुमार, राज साहिब मिश्रा तथा राहुल सराफ आदि के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया ।