रक्सौल।( vor desk )।बिहार नेपाल सीमा के रक्सौल में मंगलवार को कैब एवं एनआरसी के खिलाफ जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया।यह जुलूस शहर के नहर चौक से शुरू होकर मुख्यपथ पर बाटा चौक पहुच कर नुक्कड़ सभा में परिवर्तित हो गया। जुलूस में शामिल महागठबंधन नेताओं ने भारत सरकाए से एनआरसी व कैब को वापस लेने की मांग की गई।कार्यक्रम में विभिन्न दलों के नेताओं ने भी शिरकत की।जिसका नेतृत्व करते हुए का कांग्रेस नेता व पूर्व विधान सभा प्रत्याशी रामबाबू यादव,राजद नेता रवि मस्कारा, रालोसपा नेता सुनील कुशवाहा,जनाधिकार पार्टी नेता कृष्णा गुप्ता, जाहिर आलम आदि नेताओ ने जम कर नारेबाजी की।राजद नेता रवि मस्करा ने नीतीश कुमार को धोखेबाज़ एवं अल्पसंख्यकों का दुश्मन बताया।मुख्य रूप से इकबाल आलम, महम्मद यूसुफ, प्रो0 सकलैन सम्शी, असगर अंसारी, नुरुल हसन, अनवारुल खान, अमीर हसन, असरफ आलम, साजन हवारी, आबिद हाफिजुल्लाह, हाफिज सईद, प्रो सैफुल्लाह, डॉ0 मसिउल्लाह, मुफ़्ती जियाउल हक़ के साथ साथ हज़ारो लोग हाथ में तिरंगा लेकर अपना विरोध प्रदर्शन किए।सभी ने एक स्वर में इस बिल को वापस लेने की मांग की एवं मोदी-शाह -नीतीश मुर्दाबाद के नारे लगाए।अमित शाह होश में आवे,नरेंद्र मोदी मुर्दावाद,हिटलर शाही नही चलेगी जैसे नारे खूब गूंजे।
कांग्रेस नेता राम बाबू यादव ने इस विरोध प्रदर्शन को सर्वदलीय बताया।उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की हिटलर शाही नही चलेगी।वे आंकड़ों के खेल में मस्त हैं।लेकिन यह नही भूले कि जनता ने उन्हें चुन कर भेजा है।उन्होंने कहा कि कैब और एनआरसी हटाना ही होगा।श्री यादव ने आरोप किया कि इस काले कानून लागू नही होने दिया जाएगा। झारखंड चुनाव और महंगाई,भ्र्ष्टाचार जैसे मुद्दों पर ध्यान भटकाने के लिए ऐसे कानून लाये जा रहे हैं।
फिलवक्त,महागठन्धन के नेताओं- कार्यकर्ताओं द्वारा बढ़ते ठंड के बीच सियासी सरगर्मी की होड़ में दिखे। जुलूस के माध्यम से उन्होंने भारत सरकार का ध्यानाकर्षण किया।साथ ही विपक्ष की आपसी एकजुटता व धार तेज होती दिखी।