रक्सौल।( vor desk )।सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन की कोर कमिटी की बैठक कालीनगरी में हुई। जिसमें सरिसवा नदी के किनारे वाले रिहायशी इलाकों में बच्चों की लगातार अज्ञात बीमारी से हो रही मौत पर चिंता व्यक्त की गई। बैठक की अध्यक्षता सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष प्रो0 डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने की। प्रोफ़ेसर सिन्हा ने कहा कि आंदोलन ने बहुत पहले प्रशासन को नदी के जहरीले जल के परिणामों के कारण हो रहे असाध्य बीमारियों से मौतों पर ध्यान आकृष्ट किया था पर प्रशासन पर जूं तक तक नहीं नहीं रेंगा ।नदी में जल के साथ जहर प्रभावित हो रहा है जिसके कारण आसपास भूजल भी प्रभावित हो गया है। उतना ही नहीं नो मैंस लैंड पर बीरगंज महानगर पालिका द्वारा गिराए जा रहे कचरा एवं रक्सौल नगर परिषद द्वारा गिराए जा रहे कचरा के प्रदूषण के कारण आम लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। कचरा में अक्सर आग लगा दिया जाता है और कचरा के जलने से जहरीले गैस जैसे डिओक्सिन्स,फ़्यूरान्स, हेवी मेटल्स, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, मिथेन, सल्फर डाइऑक्साइड निकलते हैं जो जीवन के लिए अत्यंत खतरनाक है ।ये गैसें स्वास तंत्र एवं प्रतिरक्षण तंत्र को सीधे प्रभावित करता है।बैठक में राज्य सरकार एवं भारत सरकार से शीघ्रातिशीघ्र नदी के किनारे रहने वालों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने की मांग की गई। साथ ही नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए कारगर उपाय करने की भी मांग की गई। आंदोलन के अध्यक्ष प्रो0 सिन्हा ने प्रशासन से पूछा है कि आखिर प्रशासन कितने मौतों का इंतजार कर रही है ?उन्होंने कहा कि अभी तक 9 मौतें हो चुकी है जिसके बीमारियों का कारण अज्ञात है।बैठक में इस हेतु बिहार सरकार एवं भारत सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजने का निर्णय लिया गया।