रक्सौल।(vor desk )।बीते दो सप्ताह में रक्सौल में सरिसवा नदी किनारे बसे वार्ड 7, 8 और 9 में अज्ञात बीमारी से सात बच्चों की अचानक मौत के बाद पूरे नगर क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
डा. स्वयंभू शलभ ने मुख्यमंत्री बिहार, पीएचईडी, डब्लूआरडी एवं यूएनडीपी समेत डीएम, मोतिहारी और एसडीएम, रक्सौल को इन स्थितियों से अवगत कराया है।
डा. शलभ ने आशंका व्यक्त की है कि सरिसवा नदी का बढ़ता प्रदूषण भी मौत का एक कारण हो सकता है। इस पानी में भारी मात्रा में हैवी मेटल्स की मौजूदगी है। यहां के पेयजल में भी इसका दुष्प्रभाव आने की प्रबल आशंका है। यहां के पेयजल का टीडीएस लेवल तो पहले से ही सामान्य से अधिक है।
डा. शलभ ने बीते शुक्रवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. शरतचंद्र शर्मा से इस विषय पर बात की। बच्चों की मृत्यु की रिपोर्ट को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया। मेडिकल सर्विलांस टीम या डब्लू एच ओ द्वारा नगर क्षेत्र में लोगों का स्वास्थ्य जांच कराने, कम्युनिटी बेस्ड सर्वे कराने एवं पेयजल की जांच कराए जाने के संबंध में भी डॉ. शर्मा ने हर संभव प्रयास करने की बात कही है। आज शनिवार को एक मेडिकल टीम वार्ड 7, 8 और 9 में भेजी जा रही है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि डाईट्रेशियन से जांच करायी गई है। तीन मौत ब्रोंकाइटीस और रेस्पिरेशन के कारण है। टॉक्सिसिटी की जांच के लिए अस्पताल के पास संसाधन और विशेषज्ञ नहीं हैं। इसके लिए जिला स्तरीय बैठक में शीघ्र डब्लू एच ओ की टीम बुलाने पर बात होगी।
ज्ञातव्य है कि नदी के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए गत 30 अप्रैल 2019 को डा. शलभ ने इसके विषाक्त पानी एवं रक्सौल आसपास के पेयजल की जांच कराये जाने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया था जिस पर संज्ञान लेते हुए सीएमओ ने 2 मई 2019 को पीएचइडी और डब्लूआरडी को निर्देशित भी किया था। परंतु किसी विभाग द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया जबकि यह लोगों के जीवन से जुड़ा विषय है।