-रक्सौल पीएचसी में बने 1461 मेडिकल सर्टिफिकेट,डीएल के लिए शिविर लगाने की मांग
रक्सौल।(vor desk )। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत 16 अक्टूबर को रक्सौल मे आयोजित मेगा शिविर को स्थगित कर दिया गया है।उक्त शिविर योजना के आवेदकों को वाहन
लाइसेंस देने के लिए लगनी थी।उसे जिला परिवहन विभाग के निर्देश पर अपरिहार्य कारण वश अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है । जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार ने दी ।
इधर,इस शिविर को ले कर पिछले तीन दिनों से अफरा तफरी रही।रक्सौल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन दिनों में भारी भीड़ से स्वास्थ्य सेवा पर प्रतिकूल असर पड़ा।मरीज परेशान हुए।
इस बाबत पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि तीन दिनों में 1600 मेडिकल सर्टिफिकेट शांतिपूर्ण तरीके से प्रदान किया गया ।
बताया गया कि चालक अनुज्ञप्ति प्रमाण पत्र हेतु
14 अक्टूबर को 338,जबकि,15 अक्टूबर को 598 और शिविर रद्द होने के बावजूद 16 अक्टूबर को मिले आवेदन के तहत कुल 525 यानी कुल 1461 लोगों को मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया गया।
बताया गया कि यह शिविर केवल मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के आवेदकों के लिए था।लेकिन,इसे ड्राइविंग लाइसेंस के लिए शिविर लगने की भ्रामक जानकारी के कारण हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी।यही नही इसमे एससी -एसटी व ईबीसी को ही आवेदन करना था।और उन्हें ही लाभ मिल सकता था।बावजूद आमजन भी शिविर में आवेदन के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए दौड़ पड़े।जिससे अफरा तफरी तो हुई हीं साथ ही आमजन भी परेशान हुए।
हालांकि,उक्त स्थिति ने यह साबित किया है कि हजारों की संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस से लोग वंचित हैं।इसमे अधिकांश ऐसे लोग भी हैं।जो वाहन चला रहे हैं।ऐसे में यह मांग उठ रही है कि अनुमण्डल स्तर पर शिविर लगाया जाए।और कम से कम उन लोगों को अनिवार्य रूप से शिविर में शामिल कर ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाए,जिनके पास वाहन है।और ड्राइविंग लाइसेंस नही है।साथ ही जो नये लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनावना चाहते हैं।उनके लिए भी शिविर आयोजित की जाए।क्योंकि, आम जनों की शिकायत है कि इन दिनों निये वाहन कानून के आने से लोगों को जुर्माना व कार्रवाई का डर सता रहा है।ऐसे में दलालों की चांदी है।बताते हैं कि दलाल करीब 8 हजार रुपये तक वसूल रहे हैं।जबकि,मोतिहारी आने जाने में परेशानी होती है।वहीं,भीड़ से निराशाजनक स्थिति भी बन जाती है।