Friday, April 18

भारत सरकार ने लगाया नेपाल में प्याज निर्यात पर रोक,नेपाली बाजार में प्याज का भाव आसमान पर!

पर्व के मौके पर भारतीय प्याज के निर्यात पर रोक से कालाबजारी शुरू,तस्करी जोर पकड़ने के आसार

भारत से वार्षिक दो अरब रुपये के प्याज का होता है निर्यात,अगले आदेश तक प्याज निर्यात पर रोक

रक्सौल।(vor desk )। भारत सरकार ने प्याज के नेपाल निर्यात पर रोक लगा दी है। भारत-नेपाल सीमा के सभी मुख्य नाकों के कस्टम कार्यालयों पर सरकार का प्रतिबंध संबंधित निर्देश आ गया हैं।इससे नेपाल में प्याज की कीमत बढ़ने के साथ तस्करी के जोर पकड़ने के आसार बढ़ गए हैं।

कस्‍टम कार्यालय को मिला आदेश

रक्सौल के कस्टम कार्यालय पर भारत सरकार के आए निर्देश के मुताबिक अब भारतीय प्याज नेपाल नहीं जाएगा।इसे अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया है। माना जा रहा है कि भारत सरकार ने यह कदम प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए उठाया हैं। कस्टम उपायुक्त आसुतोष कुमार सिंह ने भी इसकी पुष्टि की है। कस्टम अधिकारियों का कहना है कि सभी किस्मो के प्याज के नेपाल निर्यात पर रोक लगाने का निर्देश मिला हैं।

बताया गया है कि भारत सरकार के मिनिस्ट्री व ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ,डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स,डाइरेक्टर जेनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ,दिल्ली के द्वारा जारी अधिसूचना संख्या 29 सितम्बर/21/2015-2020 के तहत यह निषेध जारी किया गया है।

वार्षिक 2 अरब निर्यात:नेपाली आधिकारियों ने बताया कि नेपाल में वार्षिक दो अरब रुपये नेपाली मुद्रा का प्याज भारत से आयात होता है।हाल में ही भारत सरकार ने प्याज निर्यात की कीमत प्रति टन 850 डॉलर निर्धारित कर रखी थी।लेकिन,पर्व के समय अचानक इस फैसले ने मुश्किलें बढ़ा दी है।नेपाल में मुख्यत: भारत के कर्नाटक,महाराष्ट्र,यूपी आदि से प्याज की आवक होती है।

नेपाल में 80 रुपये किलो बिक रही प्‍याज

कस्टम सूत्रों ने बताया कि यह आदेश रविवार को प्राप्त होने के बाद अगले आदेश तक अब भारतीय प्याज नेपाल नहीं जाएगा। पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भारत सरकार द्वारा प्याज को नेपाल भेजने के प्रतिबंध से पूर्व रविवार तक नेपाल में प्याज की कीमत 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम थी।सोमवार को होलसेल रेट काठमांडू में 110 रुपये व बीरगंज में 100 रुपये नेपाली मुद्रा में रहा। भारतीय प्याज पर प्रतिबंध से नेपाल में प्याज की कीमतों में अब आसमान छूने के आसार हैं।

ट्रक हो रहे वापस:भारत सरकार के निर्देश पर रक्सौल व सुनौली समेत विभिन्न कस्टम अधिकारियों ने प्याज से लदे ट्रक को वापस कर दिया। विभागीय पत्र में नेपाल में भारतीय ट्रक नहीं भेजने का निर्देश है।इस वजह से रविवार व सोमवार को प्याज से लदे अनेको ट्रक रोक दिए गए हैं।सूत्रों ने बताया कि इन दिनों भारत में प्याज महंगे दर पर बिक रही है। इस वजह से पहले देश में प्याज की जरूरतों को पूरा करने करने के बाद ही विदेश निर्यात पर विचार किया जाएगा।बताया गया कि बॉर्डर से नासिक, शाहजहांपुर, इंदौर, कानपुर से आने वाले प्याज से लदे ट्रकों को भी वापस कर दिया । सूत्रों ने बताया कि ट्रक चालक बॉर्डर पर दिनभर परेशान रहे लेकिन कस्टम अधिकारियों ने ट्रक को पास नहीं किया।

नेपाल में हाहाकार,तस्करी के आसार:भारतीय प्रतिबंध के बाद नेपाल में भी प्याज पर महंगाई का असर दिखने लगा है।वहीं,तस्करी के जोर शोर से शुरू होने की संभावना है।इन दिनों नेपाल का सबसे बड़ा पर्व बड़ा दशै यानी दशहरा व आगे तिहार(दीपावली ) का त्योहार है।ऐसे में नेपाली नागरिक इस सूचना से परेशान हैं।बताया गया है कि व्यापारी प्याज को स्टोर कर काला बजारी की जुगत में हैं।इसको ले कर काठमांडू के सबसे बड़े सब्जी बाजार काली माटी में नेपाल के उपभोक्ता हित संरक्षण विभाग के निरीक्षण अधिकृत रमेश काजी श्रेष्ठ द्वारा औचक निरीक्षण किया गया।जिसमे व्यापारियों द्वारा प्याज के अवैध भण्डारण का भंडाफोड़ भी हुआ।

पहले भी प्याज ने रूलाया था:वर्ष 1998 में भी प्याज की कीमत आसमान छू गई थी।उस समय अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार थी। और दिल्ली विधान सभा चुनाव सर पर था।जिसमे कांग्रेस ने चुनावी मुद्दा बना दिया।इस बार फिर अगले साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं।जिसको ले कर मोदी सरकार सतर्क मुद्रा में दिख रही है।

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