जो अपने बूढ़े माता पिता को सताता है उसका कभी भी मंगल नहीं होता है:अशोक चौरसिया
रामगढ़वा ।(vor desk )। मां स्वर्ग होती है वही पिता स्वर्ग का दरवाजा होते हैं।जो मां 9 महीने गर्व में रखकर अपने बच्चे को पैदा करती है, अनगिनत कष्ट सहकर माता पिता बच्चे का लालन-पालन करते हैं, उस माता पिता को जो बच्चे कष्ट पहुंचाते हैं ,उनका कभी भी मंगल नहीं होता है। चाहे वे दुनिया के किसी भी देवी देवता की पूजा क्यों न करें। उक्त बातें सह प्रति ऋत्विक अशोक कुमार चौरसिया ने रामगढ़वा के भलुवहिंया गांव स्थित श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी के सत्संग उपयोजना केंद्र में आयोजित वार्षिक विराट सत्संग को संबोधित करते हुए सोमवार की देर संध्या में कही। वही सत्संग को संबोधित करते हुए रांची से आए सह प्रति ऋत्विक मनोज कुमार ने कहा कि हर मानव के जीवन में गुरु की आवश्यकता है। गुरु के बिना हम मानवों का जीवन अधूरा है।उन्होंने कहा कि जिसके जीवन में गुरु नहीं उसका जीवन शुरू नहीं। समस्तीपुर से आए सह प्रति ऋत्विक शिवेशवर दास दा ने कहा कि कलयुग में सिर्फ पूजा पाठ करने से ही किसी का मंगल नहीं होने वाला है। कलयुग में ठाकुर जी का नाम ही हम सबका सहारा है। मोतिहारी से आए सह प्रति ऋत्विक अनंत कुमार झा ने कहा कि दो तरह के गुरु होते हैं। जिसमें एक कुलगुरु होते हैं जो कान फूंकते हैं और दूसरे सद्गुरु होते हैं जो प्राण फूंकते हैं। लेकिन अधिकांश लोग कनफुकवा गुरे के बहकावे में आकर फंस जाते हैं। जिससे न गुरु का कल्याण होता है नहीं शिष्य का। अरेराज से आए सह प्रति ऋत्विक राज किशोर सिंह दा ने कहा कि कलयुग में युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध दुनिया की तरफ आकर्षित होकर अपने माता पिता व सास-ससुर की सेवा नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि उनके घर से लेकर बाहर तक सब कुछ बर्बाद कर रह है। जिसकी वजह से उनके घर में ईर्ष्या, द्वेष, कलह तथा अशांति आदि है। सत्संग को संबोधित करते हुए आसाम से आए याजक मनोरंजन मंडल दा ने कहा कि माता पिता के चरणों में ही दुनिया का सभी धाम है। और किसी भी धर्म को मानने वाले लोग यदि अपने माता पिता की सेवा नहीं करते हैं तो वे चाहे लाख तीर्थ धाम घूमे एवं पूजा पाठ करें, उनका मंगल असंभव है। सत्संग को संबोधित करने वालों में जितेंद्र कुमार उर्फ मुन्ना दा, बृज किशोर दा, राजेश दा, मुरारी दा, महंथ दा,राजू दा तथा पवन दा सहित अन्य गुरु भाई शामिल थे। सत्संग की शुरुआत उप योजना केंद्र के संचालक व एम.के.मिशन हाई स्कूल रामगढ़वा के संचालक ध्रुव नारायण कुशवाहा दा के शंखनाद व ठाकुर जी के पवित्र पंजाधारी पंडित बृजेश तिवारी दा के उद्बोधनी भजन “सुनो रे भाई मेरे ठाकुर जी जगत के नाथ” से हुई। इस अवसर पर संगीता के संजय दा ने अपने भजन “सतनाम ले लो बंदे सच्चा माननीय यही है”, “ठाकुर करेंगे पार उनकी महिमा अपार” तथा “जीवन है अनमोल रे प्राणी” आज भजनों को गाकर सत्संग में शामिल ठाकुर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर निरु मां, रेणु मां, संगीता मां,सुनील दा तथा मोहन दा आदि गुरु मां एवं गुरु भाइयों ने ठाकुर भक्ति से ओतप्रोत होकर भजन गाया और सभी ठाकुर भक्तों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। इस अवसर पर 134 श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी की दीक्षा ग्रहण की। सत्संग के दौरान एम.के.मिशन हाई स्कूल की छात्राओं ने ठाकुर जी के भजन पर नृत्य कर सभी श्रद्धालुओं तृप्त कर दिया। इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक ध्रुव नारायण कुशवाहा के द्वारा सत्संग में शामिल 5 सह प्रति ऋत्विक गण एवं 7 श्री श्री ठाकुर जी के पवित्र पंजा धारियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। मौके पर विनोद दा, राज किशोर दा, राकेश दा, विभाष कुमार ओझा दा, जोत नारायण दा, प्रमोद कर्ण दा, अनिल कुमार कर्ण दा, भोला दा, मनोज पटवा दा, नवल किशोर दा, हिमांशु कुमार हिमकर, संजू मां, सरिता मां, मधु मां, चंदा गुप्ता मां, सुधा मां, सुषमा कुमारी, पूजा कुमारी तथा रीना गुप्ता सहित सैकड़ों गुरु मां एवं गुरु भाई उपस्थित थे।