● पीएमओ ने रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के हवाले से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मांगा जवाब
रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल में करेंसी एक्सचेंज काउंटर हेतु बैंक शाखा या किसी एजेंसी को अधिकृत किया जाने को लेकर शिक्षाविद डॉ. स्वयंभू शलभ द्वारा पीएमओ को भेजे गए प्रतिवेदन के संदर्भ में पीएमओ द्वारा आरबीआई के हवाले से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से जवाब मांगा गया है। इस बाबत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मुंबई के जेनेरल मैनेजर ने बताया है कि हमारी रक्सौल शाखा विदेशी मुद्रा में लेनदेन नहीं करती है चूंकि शाखा के पास इस प्रकार की व्यवसायिक सुविधा नहीं है और न ही सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस तरह की स्वीकृति है।
डॉ. शलभ ने पीएमओ को भेजे अपने प्रतिवेदन में बताया है कि भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित रक्सौल का अंतरराष्ट्रीय महत्व है। देश विदेश के हजारों पर्यटक इस सीमा से प्रत्येक सप्ताह गुजरते हैं। यहाँ देश का दूसरा सबसे बड़ा इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट अवस्थित है। भारतीय कस्टम उपायुक्त के कार्यालय के साथ 15 से अधिक राष्ट्रीय बैंकों की शाखाएं संचालित हैं लेकिन सरकार द्वारा अधिकृत एक भी करेंसी एक्सचेंज काउंटर यहाँ उपलब्ध नहीं है। यात्रियों-पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को करेंसी एक्सचेंज के लिए यहाँ भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। नेपाल का सीमावर्ती होने के कारण यहाँ बाजार में नेपाली रुपयों का लेनदेन होता है लेकिन भारतीय-नेपाली रुपयों के विनिमय के लिए भी यहाँ कोई वैध एजेंसी नहीं है। यहाँ सीमा के आसपास फुटपाथ पर छोटी छोटी गुमटियों के अंदर अनधिकृत रूप से सटही का काम करने वाले आईसी-एनसी के एक्सचेंज का काम करते हैं। यहाँ विनिमय दर का कोई मापदंड नहीं है। कई बार यात्री व पर्यटक यहाँ ठगी और चोरी का भी शिकार होते हैं।
डॉ. शलभ ने अपने सुझाव में स्पष्ट रूपसे उल्लेख किया है कि रक्सौल में बैंक शाखा या किसी एजेंसी को करेंसी एक्सचेंज के लिए अधिकृत किया जाना ही इस समस्या के समाधान का एकमात्र विकल्प है।
करेंसी एक्सचेंज की समस्या को भारत नेपाल सीमा की प्रमुख समस्या बताते हुए पीएमओ व आरबीआई से इस विषय को गंभीरता से लेने का आग्रह किया गया है।