रक्सौल ।(vor desk)।बुधवार को लोहार जाति के प्रतिनिधि मंडल ने रक्सौल अनुमंडल पदाधिकारी को एक आवेदन दे कर जाति आधारित जनगणना का बहिष्कार करने की घोषणा की है। अपने दिए आवेदन में प्रतिनिधिमंडल ने मांग किया है कि लोहार जाति का जाति जनगणना में कोई अपना कोड नहीं है।जाति जनगणना का कोड 13 पर कमार, लोहार, कर्मकार दर्ज है।वही कोड 177 पर लोहारा , लोहरा दर्ज है जो बिहार राज्य में लोहरा जाति संबंधित कोई साक्ष्य या दस्तावेज उपलब्ध नहीं है।यह एक काल्पनिक शब्द है। कमार पश्चिम बंगाल की एक अलग जाति है,जो,बंगाल से सटे कटिहार,पूर्णियां,किशन गंज,में पाए जाते हैं।कमार पश्चिम बंगाल में अल्प संख्यक हैं,जबकि,बिहार में लोहार बहुसंख्यक हैं और बिहार के सभी 38जिलों में पाए जाते हैं।कमार और लोहार जाति का आपस में कोई संबंध नही है।ऐसे में लोहार को कमार उप जाति में गणना कराया जाना पूर्ण रूप से गलत और अन्याय पूर्ण है। प्रतिनिधिमंडल में यह मांग किया है कि लोहार समुदाय के लिए अलग कोड जारी कर मुल जाति के रूप में गणना किया जाए।कमार जाति के कोड संख्या 13 से उपजाति में शामिल लोहार शब्द को डिलीट किया जाए।साथ ही, काल्पनिक शब्द लोहरा को गणना सूची से डिलीट किया जाए।उनकी मांग है कि लोहार न कमार जाती का उप जाति है,ना ही लोहारा है।ऐसे में अस्तित्व की रक्षा के लिए जब तक स्वतंत्र कोड जारी नही होता,तब तक पूरे बिहार में हम इस जाति आधारित जन गणना का पूर्ण रूपेण बहिष्कार जारी रखेंगे।प्रतिनिधि मंडल में अखिलेश शर्मा, असर्फी शर्मा, राम शर्मा,जितेंद्र शर्मा, द्वारिका ठाकुर, अजय शर्मा सहित अन्य शामिल थे।