रक्सौल।(vor desk )। पूर्वी चंपारण के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने रक्सौल अनुमंडल अस्पताल स्थित एईएस/जेई वार्ड का औचक निरीक्षण किया।इस दौरान वे अस्त व्यस्त स्थिति देख कर भड़क गए और उपस्थित पदाधिकारियों की क्लास लगाई।मौके पर नोडल पदाधिकारी डॉक्टर अनमोल कुमार भी उपस्थित नही थे।इस क्रम में उन्होंने वार्ड में उपलब्ध सुविधा-संसाधनों का जायजा लिया।इस दौरान बीपी मशीन और डिजिटल थर्मा मीटर खराब पाई गई।साथ ही बिमारी की जानकारी,ट्रीटमेंट और दवा , इक्यूपमेंट आदि की उपलब्धता का डिस्प्ले बोर्ड नही लगा था।वहीं, बार्बी टोन ,विटामिन ई समेत कई दवा उपलब्ध नहीं पाई गई,जिसको ले कर उन्होंने गंभीरता से लेते हुए निर्देशित किया की एसओपी के अनुसार सभी दवा ,संसाधन और व्यवस्था हर हाल में दुरुस्त करें।वार्ड में प्रतिनियुक्त जीएनएम महम्द अरशद और हरीनंदन कुमार से जरूरी पूछ ताछ कर वार्ड संचालन से जुड़ी आवश्यक जानकारी जुटाई ।वहीं अब तक मरीजों के हुए इलाज और भर्ती किए जाने संबंधी पंजी, दवा और इक्यूपमेंट उपलब्धता की पंजी आदि की जांच की।इस दौरान हिदायत दी कि ड्यूटी में कोई कोताही स्वीकार्य नहीं होगी,लापवाही पर सीधे कारवाई होगी।
उन्होंने अस्पताल के उपाधीक्षक सह पीएचसी प्रभारी डॉक्टर राजीव रंजन कुमार को निर्देशित किया की 12अप्रैल को मोतिहारी में जेई/जे ई एस को ले कर होने वाले विभागीय समीक्षा बैठक से पहले सभी व्यवस्था हर हाल में दुरुस्त कर लें।इसमें कोई कोताही नहीं चलेगी। डॉक्टर के एल प्रसाद,स्वास्थ्य प्रबंधक आशीष कुमार,मूल्यांकन एवम अनुश्रवण सहायक जय प्रकाश कुमार, चाईस के जिला हेड चंदन कुमार सिंह,बीसीएम सुमित कुमार,स्वास्थ्य कर्मी कामेश्वर सिंह,रूप किशोर सिंह,सौरभ कुमार आदि के साथ बैठक कर कई निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने बताया कि रोग से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह मुस्तैद है,पुरी तैयारी है।मरीजो के लिए अस्पताल में निःशुल्क जांच व एम्बुलेंस की सुविधा 24 घण्टे मौजूद है।वहीं,निजी वाहनों से मरीज को अस्पताल पहुंचाए जाने पर 0 से 4 किलोमीटर तक 400 व ज्यादा दूरी निर्धारित राशि के हिसाब से नकद भुगतान की व्यवस्था है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर एईएस/जेई रोग के रोक थाम हेतु युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है।मस्तिष्क ज्वर/चमकी बुखार पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए रक्सौल अनुमंडल अस्पताल में छह बेड का वातानुकूलित व सुविधायुक्त एईएस/जेई वार्ड बनाया गया है।इस वार्ड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो किट उपलब्ध कराया गया हैं। चिकित्सकीय उपकरण,कन्संट्रेटर , जीवन रक्षक दवा आदि उपलब्ध कराया गया है। मेडिकल टीम की तैनाती 24 गुने 7 है।विभाग इसकी लगातार मोनोटरिंग कर रही है,ताकि कोई चूक न हो,इसलिए यहां औचक निरीक्षण किया गया।उन्होंने दावा किया कि जिले में सिर्फ दो एईएस/जेई का केश है,जिसका मरीज बेहतर स्थिति में है।
उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन ने बताया कि अब तक रक्सौल में एक भी एईएस/जेई का मरीज नही मिला है।वहीं, 6 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को विशेष सावधानी बरतने ,धूप में नही निकलने देने व रात में खाली पेट नही सुलाने एवं रात में सोने से पहले कोई मीठी चीज़ खिलाने के साथ ही रोग के लक्षण मिलते ही अस्पताल लाने की नसीहत दी जा रही है।