रक्सौल।(vor desk)। आजादी के अमृत महोत्सव (भारत@75)तथा “विश्व क्षय दिवस” के उपलक्ष्य में भारतीय महा वाणिज्य दूतावास परिसर में नेपाल तथा भारत के विशेष संदर्भ में “पूर्व एशिया में क्षय रोग का प्रकोप” बिषय पर पैनल विचार विमर्श आयोजित किया गया। प्राध्यापक प्रमोद कुमार सर्राफ, (निर्देशक नारायणी केन्द्रीय अस्पताल वीरगंज), डा. श्याम बाबू साह (अर्थोपेडिक सर्जन), डा. विकास शाह(बाल रोग विशेषज्ञ), डा. राजू जायसवाल सहित कई डाक्टरों सहित दूतावास के 35सदस्यो की सहभागिता थी।
अपने टिप्पणी में भारतीय महावाणिज्य दूत नितेश कुमार ने कहा कि भारत सरकार 2025तक क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। 2030तक क्षय रोग को विश्व व्यापी उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। पैनल शामिल डाक्टरों ने कहा कि गरीवी, कुपोषण, अस्वच्छता तथा सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में विशेष रूप से क्षय रोग पाया जाता है। डाक्टरों ने क्षय रोग के लक्षण तथा इनके निदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 10से15प्रतिशत क्षय रोग ही घातक होता है। माइकोब्यिक्टेरियमट्यूवरक्लोसिस ज्यादा फेफड़ा को संक्रमित करता है। कुछ आंत, ब्रेन, गुर्दा तथा हड्डी में भी क्षय रोग होता है।
कार्यक्रम में डाक्टरों ने क्षय रोग में पूछे गये प्रश्नो की जानकारी भी दी।