रक्सौल।(vor desk )।हिन्दू परिषद् नेपाल का राष्ट्रिय सम्मेलन एवं दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को सम्पन्न हुआ।
एक आवासीय होटल में आयोजित सम्मलेन व प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत के मधुमुनि गुरु, नेपाल के धर्मपाल गुरु, संयुक्त जनआन्दोलन मोर्चा के अध्यक्ष तारानाथ लुईटेल, बरिष्ठ अधिवक्ता डा. सुरेन्द्र भण्डारी, पूर्व डिआईजी कृष्णभक्त ब्रह्मचार्य आदि ने प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण सत्र को सम्बोधित करते हुए अतिथियों ने एक स्वर से कहा कि नेपाल को विदेशी शक्तियों के ईशारे पर धर्मनिरपेक्ष घोषित किया गया,जो हिंदुओ को मान्य नही है।उन्होंने कहा कि नेपाल के हिन्दू जग चुके हैं।एकजुटता मुहिम रंग लाएगी।आने वाले दिनों में नेपाल शीघ्र हिन्दू राष्ट्र घोषित होगा। नेपाल में 82 प्रतिशत ओमकार हिन्दू समुदाय के रहने के बावजूद विदेशी शक्तियों के लोभ में फंस कर कुछ राजनीतिक दल तुष्टिकरण का खेल खेल रहे हैं।
वक्ताओं ने यह भी आरोप किया कि
नेपाल के धर्मनिरपेक्ष घोषणा के बाद हिन्दू धर्मावलंबियों पर बारम्बार आक्रमण हो रहा है। अब सम्पूर्ण हिन्दूओं को एकजुट हो कर कडा संघर्ष करने व मुहतोड़ जवाब देने की जरूरत है।हिंदुओ की पहचान स्थापित कराने के लिए नेपाल को हिन्दू राष्ट्र की घोषणा जरूरी है।
कार्यक्रम परिषद् के अध्यक्ष संतोष पटेल की अध्यक्षता में हुई।परिषद् के केन्द्रिय उपाध्यक्ष बिजय गुप्ता ने स्वागत किया।कार्यक्रम का संचालन कृष्ण कान्त झा ने किया।कार्यक्रम में पंडित सचितानन्द दुबे ने स्वस्तिक वाचन किया।आगंतुक अतिथियों व कार्यकर्ताओं को दोशाला व प्रशस्ति पत्र दे कर समानित किया गया।
सम्मेलन में बुटवल के बरिष्ठ समाजसेवी एवं उद्योगपति मनोज मित्तल, बरिष्ठ समाजसेवी जगरनाथ प्रसाद कुर्मी, ज्येष्ठ नागरिक समाज पर्सा के सचिव नरेन्द्र तिवारी, सावित्रि माता, आरती माता, कालि माता, सुनसरी के दिपक महराज आतरे, सनातन संस्कृति समाज के महासचिव पुष्पराज पराजुली, समाजिक कार्यकर्ता अगनी भुसाल, ब्रह्मकुमार गोकुल, केन्द्रिय कोषाध्यक्ष संजय सर्राफ, केन्द्रिय सदस्य रमेश रौनियार, सुरेश साह कानु, लालबाबु प्रसाद कुर्मी, विनोद प्रसाद कुर्मी, चितरंजन श्रीवास्तव , पिंकी महासेठ, अरुण झा, सुनिता रौनियार, सजना खतिवडा, पर्सा जिला के अध्यक्ष हरेन्द्र पटेल,
बारा जिला के अध्यक्ष गोपाल बाबा, जनकपुर जिला के अध्यक्ष सत्रुध्न साह, रौतहट जिला उपाध्यक्ष रंजित पटेल समेत बारा, पर्सा जिला के नगर कमिटि, वार्ड कमिटी पदाधिकारी तथा सदस्यों समेत नेपाल के 72 जिलों के 500 कार्यकर्ताओ की सहभागीता रही।