रक्सौल।( vor desk )।पूर्व मध्य रेल के रक्सौल-नरकटियागंज वाया सिकटा रेलखंड पर यात्री गाड़ियों के परिचालन व ठहराव की मांग जोर पकड़ने लगी है।क्षेत्र के लोगों द्वारा रेलमंत्री व रेल बोर्ड को लगातार ट्वीट किया जा रहा है।
इस बीच,अंबेडकर ज्ञान मंच ने केंद्रीय रेल बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिख कर अविलम्ब ट्रेन परिचालन की मांग की है।पत्र में कहा गया है कि पूर्व मध्य रेल के अंतर्गत रक्सौल-नरकटियागंज वाया सिकटा रेलखंड भारत-नेपाल का सीमावर्ती रेलखंड है।इस रेलखंड से प्रतिदिन लाखों यात्रियों की आवाजाही होती रही है।जब यह रेलखंड वर्ष-2013 से पहले छोटी लाइन था,उस समय सीधी रेल सेवा गंडक एक्सप्रेस का गोण्डा(यूपी) से तेजपुर(असम) के बीच तक परिचालन होता था और नौ जोड़ी यात्री ट्रेनों की आवाजाही होती थी,जिसका ठहराव सिकटा स्टेशन पर भी होता था।यह रेलखंड सीमावर्ती रेलखंड होने के नाते सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है परंतु जब से अमान परिवर्तन हुआ और यह रेलखंड बड़ी लाइन के रूप में परिवर्तित हुआ।यात्री ट्रेनों की आवाजाही नही के बराबर होती रही और उक्त रेलखंड माल गाड़ियों की आवाजाही का सुगम मार्ग बन गया है।स्थानीय लोगों को रक्सौल या नरकटियागंज आने-जाने के लिए नीजी या भाड़े के मोटर वाहनों से भारी राशि व समय का अपव्यय करने पड़ते है।बावजूद,कोई सुगम सड़क मार्ग नही होने से लोगों को काफी कठिनाइयां झेलनी पड़ती है।कई बार स्थानीय लोगों ने संवैधानिक तरीके से आंदोलन भी किया।आश्वासनों के बाद भी किसी यात्री गाड़ियों का परिचालन नही हो सका।कोरोना काल से पूर्व दो जोड़ी गाड़िया चलती थी,उसे भी मार्च-2020 से बन्द कर दिया गया।अन्य रेल रूटों से विशेष ट्रेनों का परिचालन होता है किंतु इस रेलखण्ड से यात्री ट्रेनों का संचालन नही होने से स्थानीय लोगों में काफी असंतोष है।
मंच के संस्थापक मुनेश राम ने प्रेषित पत्र में आग्रह किया है उक्त तथ्यों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए यथाशीघ्र रक्सौल-नरकटियागंज वाया सिकटा रेलखण्ड पर भी यात्री/विशेष ट्रेनों का परिचालन या रक्सौल/नरकटियागंज रेलवे स्टेशनों से यात्री/विशेष गाड़ियों की फेरी बढ़ाई जाए।